इस समय पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग 7 अरब 80 करोड़ है, और इन सभी लोगों के पास जो समय है वह है एक दिन में 24 घंटे इनमे से किसी को भी इससे ज्यादा का समय नहीं मिलता और इसी समय का जिसने सही इस्तेमाल कर लिया वो बन जाता है अमीर चंद और जो नहीं कर पाया वो बन जाता है फ़क़ीर चंद। “Time Is Money | समय ही पैसा है” इस आर्टिकल के माध्यम से हम समय के कीमत के बारे में विस्तार से जानेंगे।
नमस्कार दोस्तों, मै अमित दुबे आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ………………………………..
आज के इस आर्टिकल में हम समय के बारे में गहराई से चर्चा करेंगे कि आख़िर ये हमारे लिए कितना कीमती है जिसे इस संसार का एक बहुत बड़ा तबका व्यर्थ के कामो में गवां देता है जिसके कारण वह अपनी पूरी जिंदगी गरीबी की दलदल में बिताने पर विवश रहता है और लोगों से कहता फिरता रहता है की मेरी तो किस्मत ही ख़राब है जबकि सच कहें तो इसमें उसकी किस्मत का कहीं दोष नहीं था अगर दोष था तो उसके खुद के लापरवाहियों का जो उसने समय के साथ मज़ाक किया था।
समय कहता है कि ये मनुष्य अगर तूने मुझे बर्बाद किया तो मै तुझे कहीं का नहीं छोडूंगा।
Time Is Money | समय ही पैसा है
मै समय हूँ :
बी. आर. चोपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत सीरियल जो कि 80 की दशक में दूरदर्शन पर छाया हुआ था उसमें समय का पहिया बार-बार आता था और कहता था कि “मै समय हूँ”, मेरा ना ही कोई आदि है और ना ही कोई अंत, जब से ये सृष्टि है तभी से मेरा आस्तित्व है।
दोस्तों, हम समय नामक शब्द जब भी सुनते हैं तो वो पहिया अर्थात चक्र हमारे आँखों के सामने घूमने लगता है। आज ये आर्टिकल लिखते समय एकदम से मुझे भी वो समय का चक्र याद आ गया और वो बचपन भी जब हम महाभारत देखने के लिए बैटरी चार्ज कराके रखते थे ताकि अगर बिजली चली भी जाए तो भी हम सीरियल देख पायें।
दोस्तों, तो आइये अब आगे बढ़ते हैं और समय पर बात करते हैं, समय कहता है कि “मै समय हूँ” मै किसी को भी दिखाई नहीं देता, मै किसी को भी सुनाई नहीं देता इसके बावजूद भी मै लोगों के इर्द-गिर्द मौजूद रहता हूँ, मुझसे कुछ भी छुपा नहीं है, मै सबके बारे में वह सब कुछ जानता हूँ जो लोग दुनियाँ से छुपा लेते हैं, मेरे आस्तित्व को कोई नकार नहीं सकता, जब से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है तभी से मेरी निगाहें वो सब-कुछ देख रही हैं जो कोई और नहीं देख सकता, मै कल भी था, आज भी हूँ और कल भी रहूँगा, “क्योंकि मै समय” हूँ।
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समय की रफ़्तार :
मै समय हूँ, मै हमेशा गतिशील रहता हूँ, मै किसी का इंतज़ार नहीं करता बल्कि निरंतर चलता रहता हूँ, चाहे सतयुग हो या त्रेतायुग हो या दौपरयुग हो या फिर कलियुग हो मैंने हर युग को देखा है, मैंने राजा को रंक और रंक को राजा बनते देखा है। जो मेरे साथ चला है वह फूला और फला है, जिसने मुझे नज़र अंदाज किया वह मुसीबतों में पला है। इसीलिए मै कल भी कहता था, आज भी कहता हूँ, और कल भी कहता रहूँगा कि मेरे साथ चलना सीखो क्योंकि अगर मै चल रहा हूँ और तुम रुक गये तो मै तुम्हारा साथ छोड़ दूंगा और तुम बहुत पीछे रह जाओगे बाद में बहुत पछताओगे, जब मै चल रहा हूँ तो तुम क्यों रुक रहे हो मै तुम्हारे लिए थोड़ी रुकूंगा मै तो चलता रहूँगा क्योंकि “मै समय हूँ”।
दोस्तों, समय किसी का इंतज़ार नहीं करता, अधिकतर लोग किसी भी काम को करने में टालम-टोल करते रहते हैं कल करेंगे, परसों करेंगे, अगले हफ्ते करेंगे, अगले महीने करेंगे और इस तरह कई महीने गुज़र जाते हैं लेकिन अफ़सोस की बात कि उस काम को न करने के कारण जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो एक लम्बा वक्त गुज़र चुका होता है और तब एक बात समझ में आती है कि काश मैंने यह काम सही समय पर कर लिया होता तो आज उस काम का परिणाम कुछ न कुछ आ ही गया होता लेकिन अब पछताये क्या होत जब चिड़िया चुग गयी खेत।
Time Is Money | समय ही पैसा है
दोस्तों, यहाँ पर मुझे संत कबीर दास जी का एक दोहा याद आ गया जो इस प्रकार है………………….
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब।।
इस दोहे का अर्थ : संत कबीर दास जी का कहना है कि किसी भी काम को सही समय रहते ही पूरा कर लेना चाहिए कभी भी आज के काम को कल पर नहीं टालना चाहिए क्या पता कोई ऐसा कारण पैदा हो जाए जिसकी वजह से वो कल आये ही ना और वह काम अधूरा ही रह जाए। इस दोहे के माध्यम से संत कबीर दास जी ने समय के सही उपयोग के बारे में हमें जागरूक किया है। आखिर हम भी तो ये कहते ही हैं कि कल किसने देखा है, जब कल किसी ने देखा ही नहीं है तो कल पर किसी काम को छोड़ा ही क्यों जाए इसलिये जो भी काम करना हो उसे आज और अभी अर्थात समय रहते ही पूरा कर लिया जाये यही समय का सही सदुपयोग है क्योकि समय किसी का इंतज़ार नहीं करता क्योंकि वह तो समय है।
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समय की कीमत :
दोस्तों, आपने अपने जीवन में ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा जो लगातार एक के बाद एक उपलब्धियों को हासिल करते हुए शिखर पर चढ़ते चले जाते हैं वहीं पर अन्य बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो एक सामान्य जीवन ही जी रहे होते हैं। अगर देखा जाए तो ऐसे मामलों में समय की उपयोगिता का बड़ा हाथ होता है।
आप अपने समय का किस तरह उपयोग करते हैं यह आपके जीवन में बड़ा मायने रखता है।
यहाँ पर हम एक कहानी के माध्यम से समय के कीमत का अवलोकन करेंगे :
दिल्ली शहर के एक कॉलोनी में एक मोहित नाम का लड़का रहता था, जो सिर्फ आठवीं पास था, छोटी-मोटी नौकरी करके किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा था। वह सुबह 10 बजे घर से निकलता और रात को 9 बजे तक घर वापिस आता। काम पर से आने के बाद भी वह लगभग 2 घंटे अपने गली के दोस्तों को देता था क्योकि वह एक सामाजिक व्यक्ति था और संडे को छुट्टी का पूरा दिन भी वह दोस्तों को ही दिया करता था क्योंकि वह एक सामाजिक व्यक्ति था।
मोहित एक सामाजिक लड़का था, वह हर किसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता था, हर किसी के सुख-दुःख में भागीदार रहता था लेकिन उसके घर वाले उसके सामाजिक कार्यों से खुश नहीं थे, उनका कहना था कि काम पर से सीधे अपने घर आओ और छुट्टी का दिन भी अपने घर पर ही बिताओ लेकिन मोहित नहीं मानता था क्योंकि वह एक सामाजिक लड़का था।
मोहित के घर की माली हालत कुछ अच्छी नहीं थी वह ज्यादा पढ़ा-लिखा भी नहीं था इस वजह से उसे कोई अच्छी नौकरी भी नहीं मिल पायी जिंदगी किसी तरह चल रही थी। एक बार मोहित के घर में कुछ मुसीबत आ गयी और उसे कुछ पैसों की जरुरत पड़ गयी उसने अपने सभी दोस्तों के सामने हाथ फैलाया लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिली, किसी तरह मोहित की माँ ने कहीं से पैसों का बंदोबस्त किया और मुसीबत से छुटकारा मिला।
Time Is Money | समय ही पैसा है
अगले दिन मोहित जब काम पर जाता है तो उसका मूड थोड़ा उखड़ा हुआ देखकर उसके मैनेजर ने पूछा कि क्या बात है मोहित घर पे सब ठीक तो है ना, इस पर मोहित ने सारी बात बताई और फुट-फुट कर रोने लगा और कहने लगा कि मै जिन दोस्तों पर बड़ा नाज़ करता था उनमे से कोई भी मेरे काम नहीं आया आज एक बात समझ में आ गयी कि गरीबी बड़ी बुरी चीज होती है साहेब, गरीब को ये दुनियाँ इस्तेमाल करती है और मौका मिलते ही उसकी औकात भी दिखा देती है।
मोहित ने अपने मैनेजर से कहा, कि सर मुझे कोई रास्ता बताइये मै जीवन में कुछ करना चाहता हूँ, इस पर मोहित के मैनेजर ने मोहित को समय की कीमत के बारे में समझाया और उसे एक राय भी दिया कि तुम्हारी उम्र अभी ज्यादा नहीं है तुम अभी भी पढ़ाई करके अपना जीवन सुधार सकते हो तुम जितना समय इधर-उधर के चक्कर में बर्बाद कर रहे हो उतना ही समय अगर तुम अपने कैरियर पर लगाओ तो आने वाले कुछ सालों में तुम्हारा जीवन बदल सकता है क्योंकि तुम अपने समय को अभी सही उपयोग में नहीं ला पा रहे हो।
मैनेजर की बात मोहित की समझ में आ गयी और उसने ओपन स्कूल से पढ़ाई करना शुरू किया और प्रतिदिन रात को वह तीन से चार घंटे पढ़ने लगा और छुट्टी के दिन भी वह बारह घंटे पढ़ने लगा, इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा आज मोहित एमबीए करके एक कंपनी में मैनेजर की नौकरी कर रहा है और उसके गली के लड़के आज भी 2 घंटे की गलीबाज़ी ही कर रहे हैं और मोहित अब खुद के बिज़नेस के बारे में भी विचार कर रहा है क्योंकि अब वह समय की कीमत को समझ चुका है कि जो समय पहले वह दोस्तों के साथ बेकार की बातों में बिताता था वही समय जब उसने अपने कैरियर को दिया तो उसका जीवन बदल गया।
दोस्तों, हम लोगों में से भी ना जाने कितने लोग वही गलती आज भी किये जा रहे हैं जो मोहित ने किया था अपने जीवन का ज्यादातर समय हम गली, चौराहों और पार्कों में बैठकर या फिर टीवी देखकर या फिर लोगों के साथ गप्पे मारकर नष्ट कर देते हैं अगर हम वही समय अपने कैरियर में लगायें तो हम कहीं से कहीं पहुँच सकते हैं और हमारा वही समय एक दिन हमें पैसों के रूप में हासिल हो सकता है।
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समय ही पैसा है :
जैसा कि हमने इस आर्टिकल के शुरुआत में ही चर्चा किया था कि दुनियाँ के किसी भी व्यक्ति के पास सिर्फ 24 घंटे ही होते हैं किसी के पास भी इससे ज्यादा समय नहीं होता है लेकिन ऐसा क्या है कि कई लोग जीवन में बहुत ही बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं और बाकी के लोग सिर्फ एक सामान्य जीवन ही जीते रहते हैं।
इस संसार में जितने भी बड़े लोग हैं चाहे व्यापारी हो या नेता, चाहे कोई संत हो या अभिनेता अगर उनके जीवन पर प्रकाश डाला जाए तो सभी में एक बात सामान मिलेगा और वह है समय की नजाकत को समझते हुए जीवन पथ पर आगे बढ़ना। जिसने भी समय की नज़ाकत को समझ लिया वही असली खिलाड़ी है और जिसने समय की नज़ाकत को नहीं समझा वह जिंदगी भर अनाड़ी ही रह जाता है।
जितने भी महापुरुष हैं, वैज्ञानिक हैं, बड़े व्यापारी हैं, सफल राजनेता हैं या फिर मंझे हुए अभिनेता हैं, अगर हम उनसे एक सवाल पूछें कि वह कितने घंटे सोते हैं तो उनका जबाब होगा 4 से 5 घंटे, हाँ बिलकुल सत्य होगा वे इतने ही घंटे सोते हैं। अब आपके मन में एक सवाल चल रहा होगा कि क्या वे बाकी घंटे सिर्फ काम ही कर रहे होते हैं तो हाँ यह भी सत्य है क्योंकि ये लोग अगर हमें बैठे भी दिखाई देते हैं तब भी ये अपने मन में कुछ न कुछ सोच रहे होते हैं इनके दिमाग में हमेशा कोई न कोई पिक्चर चल रही होती है जो इनके काम से सम्बंधित होती है। हम यह भी कह सकते हैं कि ये लोग जब सोकर उठते हैं तो अपने काम के बारे में सोचते हुए उठते हैं और जब रात को सोने जाते हैं तब भी ये लोग अपने काम के बारे में ही सोचते रहते हैं।
बड़े लोग अपना ज्यादातर समय सोचने में लगाते हैं, अपने काम से सम्बंधित रणनीति बनाने में लगाते हैं, वे कहते हैं ना कि हम 15 से 18 घंटे काम करते हैं तो यह सच है वे इतने घंटे वाकई में काम करते हैं लेकिन उनका काम सोचने का होता है इसलिए वे इतने घंटे काम कर पाते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो वे गर्दन के ऊपरी हिस्से से काम करते हैं और यही वह हिस्सा है जो इंसान को अमीर बनाती है जिसने जितना समय सही सोचने में लगा दिया वह उतना ही बड़ा बन जाता है और जो जितना बड़ा बन जाता है वह उतना ज्यादा दौलत कमा लेता है।
Time Is Money | समय ही पैसा है
अब रही बात उन लोगों की जो जीवन में सामान्य ही रह जाते हैं, तो वह लोग होते हैं नौकरी पेशे वाले जो गिनकर घंटो में काम करते हैं क्योंकि उन्हें निश्चित समय की निश्चित राशि मिलती है और उन्हें भी लगता है कि मै कितना भी काम करूँ मुझे मिलने तो उतने ही पैसे हैं इसीलिए वे अपने समय का सही उपयोग नहीं कर पाते और जीवन भर एक सामान्य व्यक्ति बनकर जीवन गुजार रहे होते हैं। यह बात जरुरी नहीं कि नौकरी पेशे वालों में ही यह बातें देखी जाये क्योंकि एक व्यापारी तबका भी ऐसा ही होता है जो लिमिटेड काम ही करता है और इसीलिए वह जिंदगी भर लल्लू लाल गुलाब जामुन वाला ही बनकर रह जाता है और उसके सामने ही उसका पड़ोसी हल्दीराम बनकर पूरी दुनियाँ में नाम कमा लेता है।
अंततः
दोस्तों, सीधी सी बात है कि “जिंदगी चलती है पैसों से और पैसे आते हैं काम से” इसलिए जितना समय आप अपने काम में देंगे उतना ही ज्यादा आपका काम चलेगा। एक बात और कि काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि हमारा नज़रिया उसे छोटा या बड़ा बनाता है। इसलिए आपका जो भी काम हो उसमे ज्यादा से ज्यादा समय दें शरीर से या दिमाग से जहाँ भी जितनी जरुरत हो वहाँ आप ज्यादा से ज्यादा अपना समय दें वही समय एक दिन पैसे का रूप लेकर आपको अमीर बना देगा।
आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा तो सोच क्या रहे हैं इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर Share करें, Like करें और अगर कुछ कहना चाहते हो तो नीचे Comment Box में लिखें।
Thanking You………………..धन्यवाद……………….शुक्रिया…………………मेहरबानी……………….
आज के लिए सिर्फ इतना ही अगले आर्टिकल में हमारी फिर मुलाकात होगी, तब तक के लिए…….
जय हिन्द…………………जय भारत
आपका दोस्त / शुभचिंतक : अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर Founder & CEO www.motivemantra.com
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Bilkul sahi bat aapne btaya hai es article me…
bhukt bhogi rah chuke hai bhai ji