Khan Sir Biography In Hindi | खान सर कौन हैं, खान सर क्या करते हैं, खान सर कहाँ रहते हैं, खान सर कैसे सफल हुए, खान सर के संघर्ष की कहानी, सब कुछ बताएँगे, खान सर के जीवन के एक-एक पहलु से आपको रूबरू भी कराएँगे, बस बने रहिएगा हमारे साथ क्योंकि इस आर्टिकल में होगी खान सर के शून्य से शिखर तक पहुँचने के बारे में बात। तो आइये अब शुरू करते हैं।
Khan Sir Biography In Hindi
खान सर कौन हैं ?
खान सर असली नाम (फैज़ल खान) का जन्म 3 जून 1986 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता सेना में अधिकारी थे, माता ग्रहणी, और बड़े भाई सेना में कमांडर हैं। वह भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे लेकिन किसी कारणवश चयन न हो पाने के कारण वे शिक्षा के क्षेत्र में आये और अच्छा-खाशा नाम कमाए।
खान सर सोशल मीडिया के वह उभरते हुये सितारे हैैं जिनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है, उनके बोलने की शैली जो ठेठ बिहारी है वही उनकी कामयाबी का राज हैै। लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं अच्छा-खाशा ज्ञान और उस ज्ञान को सामने वालों तक सही तरीके से और सरल भाषा में पहुँचाने की कला भी उनके पास है जिसके कारण लोग उन्हें सुनते हैैं।
खान सर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से Bsc और Msc की डिग्री प्राप्त की है, वे छात्र राजनीति में भी सक्रीय थे, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र यूनियन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उस दौरान जेल भी जा चुके हैं।
Khan GS Research Center उनकी एक बड़ी उपलब्धि है जो पटना का सबसे बड़ा कोचिंग सेंटर है साथ ही साथ पटना का सबसे बड़ा पुस्तकालय का भी स्थापना उन्होंने किया है।
खान सर क्या करते हैं ?
खान सर एक ट्यूशन टीचर, सच्चे देशभक्त और अच्छे वक्ता हैं जिनके नाम का डंका बिहार के पटना शहर में ऐसा बजता है कि पुछिये मत। उनके कोचिंग सेन्टर की पटना मेें कई शाखायें हैं जो काम फीस में बेहतर शिक्षा प्रदान करते हैं।
खान सर के कोचिंग की क्लासें आनलाइन भी चलती हैं, वे गरीब बच्चों से बहुत ही कम फीस लेते हैं और ऐसा भी होता हैै कि जो बच्चे फीस नहीं दे सकते उन्हें वे फ्री में भी पढ़ाते हैैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनका ये योगदान सराहनीय है।
खान सर कहाँ रहते हैं ?
खान सर बिहार की राजधानी पटना में रहते हैं, और वहीं पर उनके ट्यूशन सेन्टर की सभी शाखायें भी हैं। वैसे तो उनका जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का गोरखपुर है। शुरूआती पढ़ाई भी उन्होंने गोरखपुर से ही की थी और बाद की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जो अब प्रयागराज हो गया है से पूरी की।
खान सर का जन्म, पालन-पोषण और पढ़ाई भले ही उत्तर प्रदेश में हुआ लेकिन उनको बिहार ज्यादा पसंद आया क्योंकि उनका ननिहाल वहीं पर था जिसके कारण उनका वहाँ पर आना-जाना लगा रहता था।
खान सर को बिहार की जीवन शैली और भाषा से काफी लगाव है इसीलिए उन्होंने अपनी जन्मभूमि उत्तर प्रदेश को छोड़कर बिहार के पटना शहर को कर्मभूमि बनाया और वह शहर उन्हें रास भी आया।
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खान सर कैसे सफल हुए ?
खान सर के सफलता के पीछे उनका सूझबूझ, आत्मविश्वास और कड़ा संघर्ष रहा है। जिसके लिये हमें उनके पिछले जीवन में झाँकना होगा जिससे यह पता लगता है कि वाकई में उनके सफलता की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है।
वे देश की सेवा करना चाहते थे लेकिन जब सेना में उनका चयन नहीं हो पाया तो उन्होंने शिक्षा के जरिये अपनी सेवा भाव को आगे बढ़ाने की सोची और कम फीस में बेहतर शिक्षा देने की योजना बनाई और वह रणनीति काम आई जिसने उनको सफलता दिलाई।
खान सर के संघर्ष की कहानी
खान सर बताते हैं कि जब उन्होंने अपना कोचिंग सेंटर शुरू किया तो बहुत कम बच्चे पढ़ने आते थे लेकिन धीरे-धीरे तादात बढ़ती रही और आज यह आलम है कि वे 5000 तक बच्चों को एक साथ पढ़ाते हैं। अपनी बढ़ती हुई लोकप्रियता को सिर्फ पटना तक सीमित न रखते हुए देश के अन्य हिस्सों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और ऑनलाइन क्लास शुरू की और वह कदम उन्हें रास भी आया क्योंकि सोशल मीडिया पर उनकी बोलने की शैली ने धमाल मचाया।
खान सर वैसे तो मुस्लिम हैं लेकिन वे सभी धर्मो की इज़्ज़त करते हैं अपनी संस्थाओं में वे हर एक त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं चाहे दिवाली हो या ईद या फिर कोई और त्यौहार वे कोई भी भेद-भाव नहीं करते। उनका ये बर्ताव कुछ मुस्लिम कट्टर-पंथियों को रास नहीं आया जिस कारण से उनके कोचिंग सेंटर पर हमला कर दिया गया था और बम धमाका भी किया गया था।
इस घटना से खान सर बिलकुल भी नहीं घबराये और अपने संघर्ष को जारी रखा, उनके छात्रों ने भी उनका साथ दिया और तो और बल्कि इस घटना ने खान सर को और ज्यादा प्रसिद्दि दिलाई जिस कारण से उन्हें और ज्यादा लोग जानने और पहचानने लगे।
Khan Sir Biography In Hindi
खान सर की कमाई के स्रोत
खान सर के कमाई की बात करें तो वे अपने कोचिंग सेंटर से तो अच्छा-खाशा पैसा कमाते ही हैं साथ में वे अपने यूट्यूब चैनल से भी कई लाख रुपया महीना कमाते हैं। लेकिन वे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों जैसे अपने अनाथालय और गौशाला जैसे जगहों पर खर्च करते हैं।
खान सर के सामाजिक कार्य
खान सर के सामाजिक कार्यो में उनका उनका कोचिंग सेंटर, पुस्तकालय, अनाथालय और गौशाला है। उनके कोचिंग सेंटर में गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा, पुस्तकालय में फ्री किताबें, अनाथालय में बच्चों की परवरिश से लेकर उनकी शिक्षा तक का ध्यान रखा जाता है और उनके गौशाले में गायों को पाला जाता है और उनका देख-भाल किया जाता है।
खान जी एस रिसर्च सेंटर
खान जी एस रिसर्च सेंटर उनके कोचिंग सेंटर का नाम है जो पटना का सबसे बड़ा कोचिंग सेंटर है। खान सर उसके फाउंडर और डायरेक्टर हैं। खान सर अपने शुरुआती दिनों में बिलकुल फ्री में बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन बाद वे फीस चार्ज करने लगे लेकिन उनके कोचिंग की फीस औरों के मुकाबले काफी कम है।
एक छोटे से कोचिंग सेंटर को खान सर जी एस रिसर्च सेंटर बनाने में उनको काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। उनकी संस्था जी एस रिसर्च सेंटर भविष्य में पूरे देश में अपनी सेवा दे सके और गरीब और मध्यमवर्ग के बच्चों को कम से कम फीस में बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके इसके लिए वे आगे की तैयारी में लगे हुए हैं।
हम आशा करते हैं कि खान सर अपने इस मिशन में सफल हों और हमारे देश के भविष्य जो हमारे बच्चे हैं वे इस शिक्षा प्रणाली का फायदा उठायें और अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएं।
खान सर का यूट्यूब चैनल
खान सर के यूट्यूब चैनल पर 1 करोड़ 20 लाख से ऊपर सब्सक्राइबर हैं। उनके वीडियो यूट्यूब पर अपलोड होते ही 3 से 4 दिन में ही कई मिलियन लोग देख लेते हैं। उनके वीडियो में शिक्षा से लेकर सामान्य ज्ञान, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों सहित राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे तक होते हैं।
वे अपने वीडियो के माध्यम से किसी भी मामले के अंदरूनी पहलू तक की पूरी जानकारी के साथ सरल और आसान भाषा में खुद को प्रस्तुत करते हुए अपनी बात रखते हैं और समापन में अपनी राय भी देते हैं जो लोगों को उनकी तरफ आकर्षित करते हैं।
उनके वीडियो बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी देखते हैं और पसंद करते हैं, जैसे – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अनुपम खेर और सोनू सूद जैसे लोग उनके वीडियो को लाइक और शेयर करते हैं।
खान सर का कोचिंग एप्प
खान सर का एक कोचिंग एप्प भी है जिसका नाम खान सर ऑफिसियल है जिस पर ऑनलाइन क्लासें भी होती हैं। उस एप्प के माध्यम से बहुत सारे बच्चे पढ़ाई करते हैं।
वैसे भी डिजिटल ज़माना सामने खड़ा है, आने वाला समय डिजिटल युग ही है ऐसे में खान सर जैसे लोग अपना योगदान देकर देश को शिक्षा के मामले में एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको खान सर के बारे में बहुत सारी जानकारी मिल गयी होगी, अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करें, इस पोस्ट को लाइक करें और अगर आप कुछ कहना कहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें क्योंकि आपका सुझाव हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जैसे आप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए अपना बहुत-बहुत-बहुत ख़याल रखियेगा।
हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं, आज के लिए सिर्फ इतना ही अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिए.. जय हिंद-जय भारत।
लेखक परिचय
इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।
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