जया किशोरी कौन हैं, शायद आप जानते होंगे, या हो सकता है कि आप इन्हें नहीं जानते होंगे, अगर जानते हैं तो अच्छी बात है लेकिन अगर नहीं जानते तो आज जान जायेंगे, क्योंकि इस आर्टिकल में उनके जीवन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जायेगा, तो आइये अब शुरू करते हैं > Jaya Kishori Biography In Hindi…..
Jaya Kishori Biography In Hindi
Jaya Kishori Biography In Hindi
प्रारंभिक जीवन
जया किशोरी जिनका असली नाम जया शर्मा है, का जन्म 13 जुलाई 1995 को सुजानगढ़ (राजस्थान) में एक ब्राह्मण परिवार के घर में हुआ था, पारिवारिक माहौल आध्यात्मिक होने के कारण जया को बचपन से ही अध्यात्म से लगाव रहा है।
जया के दादा-दादी बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे और उन्होंने ही जया को भजन गाना सिखाया था। जैसा कि हमने पहले ही आपको बताया कि जया का असली नाम जया शर्मा है उनको जया किशोरी नाम उनके गुरु श्री गोविन्द राम जी मिश्रा ने दिया है।
शैक्षणिक जीवन
अगर हम जया किशोरी के पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने कोलकाता के श्री शिक्षातन कॉलेज और महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से शिक्षा प्राप्त किया है तत्पश्चात उन्होंने ओपन से बी काम की तक की पढ़ाई पूरी की है।
जया किशोरी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं, बारहवीं तक उन्होंने श्री मद्भगवद्गीता को पूरा कंठस्थ याद कर लिया था, पढ़ाई के साथ-साथ वह भजन गायन और गीता का पाठ किया करती थीं।
जया किशोरी को आध्यात्मिक जीवन शैली बहुत पसंद है और इसी कारणवश उन्होंने अपनी आवश्यक शिक्षा के साथ-साथ वेदों, शास्त्रों और श्री मद्भगवद्गीता की शिक्षा भी ग्रहण किया है।
पारिवारिक जीवन
जया किशोरी का परिवार फ़िलहाल कोलकाता में रहता है, उनके परिवार में उनके पिता शिव शंकर शर्मा (राधेश्याम हरितपाल), उनकी माता गीता देवी हरितपाल और उनकी छोटी बहन चेतना शर्मा रहती है, जया किशोरी सिर्फ दो बहने ही हैं उनका कोई भाई नहीं है।
जया किशोरी ने अभी विवाह नहीं किया है, फ़िलहाल वह सिंगल ही हैं, वे कहती हैं कि आने वाले दो से तीन साल तक उनका शादी का कोई इरादा भी नहीं है क्योंकि अभी फ़िलहाल वह अपने काम पर ही फोकस रख रही है।
आध्यात्मिक जीवन
जया किशोरी सोशल मीडिया का एक बड़ा आध्यात्मिक चेहरा हैं जिन्हें आज की युवा पीढ़ी काफी पसंद करती है, उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह एक कथावाचक तो है हीं साथ में एक अच्छी मोटिवेशनल स्पीकर भी है।
उनकी बोलने की शैली, मधुर आवाज और सादगी भरा अंदाज़ सामने वाले को उन्हें सुनने को प्रेरित करता है, जिस उम्र लड़कियां भौतिक सुखों की दुनियाँ में जीना चाहती हैं उसी उम्र में जया अपने आप को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा चुकी हैं जो इंसान को बुद्धजीवियों की श्रेणी में रखता है।
कमाई और संपत्ति
अगर हम जया किशोरी के कमाई की बात करें तो वह कई तरह से होती है, जैसे भागवत कथा > जिसके लिए वह 9 लाख 50 हजार रूपये फीस लेती हैं, जिसमें से वह आधा पैसा कथा शुरू होने से पहले और बाकी की रकम कथा समाप्ति के बाद लेती हैं।
जया किशोरी अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान नामक संस्था को देती हैं जो कि दिव्यांगों के देखभाल में खर्च करती है, जया के अन्य कमाई के संसाधनों में उनका यूट्यूब चैनल, मोटिवेशनल स्पीच और एल्बम आदि हैं, जया किशोरी की नेटवर्थ लगभग 2 करोड़ है।
सारांश
कहते हैं, कि किसी भी बच्चे का पहले हीरो या विलेन उनके माता-पिता या घर का कोई व्यक्ति या फिर कोई पड़ोसी या रिस्तेदार होता है, क्योंकि इंसान वही बनता है जिस माहौल के बीच में वह रहता है, जैसे जया किशोरी के घर का माहौल आध्यात्मिक था उन्होंने भी उसी में रूचि रखी और आज भारतीय अध्यात्म जगत का एक बड़ा चेहरा के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी हैं।
आज जया किशोरी जो कुछ भी हैं उसमें उनकी खुद की रूचि का नतीजा तो है ही साथ ही साथ उनके परिवार का भी एक बड़ा योगदान है, क्योंकि वो जो करना चाहती थीं और जो बनना चाहती थीं उसमें उनके परिवार ने कोई अड़चन नहीं पैदा किया जैसा कि आम तौर पर हमारे और आपके परिवार द्वारा किया।
जैसा कि जग जाहिर है कि ज्यादातर माता-पिता अपनी चॉइस अपने बच्चों पर थोपते हैं, हर एक माता-पिता यह चाहता है कि हमारा बच्चा खूब पढ़-लिख कर एक अच्छी और सुरक्षित जॉब करे, जबकि जरुरी नहीं है कि बच्चा भी वही चाहता हो ऐसे में ना तो माता-पिता का सपना पूरा होता है और ना ही बच्चा कुछ बन पाता है।
जरा सोचियेगा कि अगर जया किशोरी के माता-पिता भी अपने बच्ची पर अपनी इच्छा को थोपते और वे चाहते कि जया आध्यात्मिक दुनियाँ में न जाकर अपनी सामान्य शिक्षा को पूरा करके कोई सुरक्षित जॉब करे तो क्या आज जया इस मुकाम पर होतीं ?, नहीं ना या तो वे अभी जॉब ढूंढ रही होती या फिर 25-50 हजार रूपये या फिर 1 लाख रूपये महीने तक की जॉब कर रही होतीं।
आज जया किशोरी लाखों रुपया महीना तो कमाती ही हैं साथ ही साथ देश-विदेश तक में लोग उनको जानते भी हैं और पहचानते भी हैं, आज उनके पास दौलत, इज़्ज़त और शौहरत सब कुछ है।
अतः जया किशोरी के जीवनी से हमें यह सीख जरूर लेनी चाहिए कि हम और आप भी अपने बच्चे के टैलेंट को पहचाने और उन्हें उनके जीवन पथ पर आगे बढ़ने की राहों में अपना योगदान प्रदान करें, क्योंकि हमें अपने बच्चों को काबिल बनाना है न कि लकीर का फ़क़ीर, क्योंकि शिक्षा का मतलब रट्टा मारना नहीं है बल्कि जीवन के सही मूल्यों को जानना और पहचानना है।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके ज्ञान के भंडार को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही साथ आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में लेकर जायेगा, तो आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द – जय भारत
लेखक परिचय
इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।
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