भारत के प्रशासनिक नौकरियों में सबसे ज्यादा इज़्ज़त और पावर की बात की जाए तो दो नाम सामने आते हैं जिनमे पहला है IAS (Indian Administrative Service) अर्थात भारतीय प्रशासनिक सेवा और दूसरा है IPS (Indian Police Service) अर्थात भारतीय पुलिस सेवा। इस आर्टिकल के माध्यम से हम यह जानेंगे कि आखिर ऐसा क्या है इन नौकरियों में जो इंसान को बहुत खाश बना देती है साथ ही यह भी बताएँगे कि IAS-IPS की सैलरी कितनी होती है, तो आइये अब शुरू करते हैं।
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IAS-IPS की सैलरी कितनी होती है
जिस भी परिवार से कोई आईएएस या आईपीएस बनता है तो सिर्फ उस परिवार का नाम ही नहीं बल्कि उस पूरे क्षेत्र का नाम रौशन हो जाता है। इन पदों को पाना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि इन परीक्षाओं में लाखों लोग बैठते हैं लेकिन सीटें बहुत ही सीमित होती हैं लेकिन जो लोग इन पदों पर आसीन हो जाते हैं उनका पूरा जीवन सुख और सम्मान से कटता है।
हालाँकि यह आर्टिकल इन पदों पर आसीन रहने वालों की सैलरी के विषय में है लेकिन इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे कि इन पदों को प्राप्त करने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है, किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, और जब नियुक्ति हो जाती है तो क्या रुतबा होता है और कितने रूपये महीने सैलरी तथा क्या-क्या सुविधाएँ मिलती हैं।
आपके दिमाग में एक सवाल हो सकता है कि आखिर आईएएस और आईपीएस में क्या फर्क है इसीलिए हम इस आर्टिकल को दो हिस्सों में बाँटने जा रहे हैं ताकि आप दोनों के बारे में अच्छी तरह जानें तो आइये अब हम आगे बढ़ते हैं और दोनों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।
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केंद्रीय सचिवालय नई दिल्ली
आईएएस ऑफिसर कैसे बनते हैं ?
वह छात्र जो अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुका हो, जीवन में पढ़ाई के द्वारा कोई बड़ा मुकाम हासिल करने की क्षमता रखता हो, जिसे किताबों से प्यार हो और पढ़ने का शौक हो, पढ़ाई को लेकर हार्डवर्क और स्मार्टवर्क दोनों ही मामलों में निपुड़ हो वह छात्र आईएएस की तैयारी कर सकता है।
आईएएस की पहली सीढ़ी UPSC (Union Public Servise Commission) अर्थात संघ लोक सेवा आयोग का एग्जाम होता है जिसके लिए छात्र को UPSC के लिए आवेदन करना होता है जिसके अंतर्गत छात्र को 3 एग्जाम क्लियर करने होते हैं जो इस प्रकार हैं :
Preliminary Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत दो पेपर देने होते हैं, और दोनों में ही 200-200 ऑब्जेक्टिव सवालों के जबाब पर टिक करना होता है जो 4 ऑप्शनों में होते हैं। एक के बाद एक जब दोनों एग्जाम छात्र क्लियर कर लेता है तो अगले राउंड अर्थात Main Exam की तैयारी करता है।
Main Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत छात्र को 9 पेपर देने हैं, जिसमें Written और Interview दोनों तरह की परीक्षायें होती हैं। यह एग्जाम छात्रों के लिए बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि इसे ज्यादातर लोग पास नहीं कर पाते और जो छात्र इसे पास कर जाते हैं वे अगले राउंड अर्थात Interview Exam की तैयारी करते हैं।
Interview Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत छात्र को 45 मिनट का Interview देना होता है जिसमें कई लोगों का समूह उससे अलग-अलग सेक्टर से जुड़ें कठिन से कठिन सवाल पुछते हैं अगर वह Interview छात्र क्लियर कर लेता है तो वह एक आईएएस ऑफिसर बन सकता है।
आईएएस ऑफिसर क्या करते हैं ?
जैसा कि हमने अभी जाना कि UPSC परीक्षा को अच्छे रैंक से पास करने पर एक छात्र आईएएस ऑफिसर बनता है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर इसके बाद वह करता क्या है ? तो आइये जानते हैं :
- केंद्र या राज्योँ के सचिवालयों में सचिव आईएएस ही बनते हैं।
- अपने जिले में शासन व्यवस्था की जिम्मेदारी पर नज़र रखते हैं।
- जिला कलेक्टर के रूप में सरकारी राजस्व की वसूली करवाते हैं।
- प्रधानमंत्री या केंद्रीयमंत्री के सचिव की भूमिका आईएएस ही निभाते है।
- आईएएस ऑफिसर संसद में बने कानूनों का अपने क्षेत्र में लागू करवाते हैं।
आईएएस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है ?
एक आईएएस ऑफिसर की बेसिक सैलरी 56100 रूपये महीना होता है लेकिन इसके अतिरिक्त उन्हें यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता सहित अन्य भत्ता मिलता है जिसे मिलाकर उन्हें 1 लाख रूपये महीना से ज्यादा ही सैलरी मिलता है। लेकिन अगर वह कैबिनेट सचिव के पद तक पहुँच जाता है तो उसकी मासिक सैलरी 2 लाख 50 हजार रूपये तक हो सकती है।
एक आईएएस ऑफिसर को सरकार की तरफ से रहने के लिए बंगला साथ में नौकर-चाकर भी मिलते हैं। घूमने-फिरने के लिए गाड़ी साथ में ड्राइवर भी मिलता है। इसके अलावा भी अन्य कई सुविधायें होती हैं जो एक आईएएस ऑफिसर को मिलती हैं।
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पुलिस मुख्यालय नई दिल्ली
आईपीएस ऑफिसर कैसे बनते हैं ?
वह छात्र जो अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुका हो, जीवन में पढ़ाई के द्वारा कोई बड़ा मुकाम हासिल करने की क्षमता रखता हो, जिसे किताबों से प्यार हो और पढ़ने का शौक हो, पढ़ाई को लेकर हार्डवर्क और स्मार्टवर्क दोनों ही मामलों में निपुड़ हो वह छात्र आईपीएस की तैयारी सकता है।
आईपीएस की पहली सीढ़ी UPSC (Union Public Servise Commission) अर्थात संघ लोक सेवा आयोग का एग्जाम होता है जिसके लिए छात्र को UPSC के लिए आवेदन करना होगा जिसके अंतर्गत छात्र को 3 एग्जाम क्लियर करने होते हैं जो इस प्रकार हैं :
Preliminary Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत दो पेपर देने होते हैं, और दोनों में ही 200-200 ऑब्जेक्टिव सवालों के जबाब पर टिक करना होता है जो 4 ऑप्शनों में होते हैं। एक के बाद एक जब दोनों एग्जाम छात्र क्लियर कर लेता है तो अगले राउंड अर्थात Main Exam की तैयारी करता है।
Main Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत छात्र को 9 पेपर देने हैं, जिसमें Written और Interview दोनों तरह की परीक्षायें होती हैं। यह एग्जाम छात्रों के लिए बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि इसे ज्यादातर लोग पास नहीं कर पाते और जो छात्र इसे पास कर जाते हैं वे अगले राउंड अर्थात Interview Exam की तैयारी करते हैं।
Interview Exam :
इस एग्जाम के अंतर्गत छात्र को 45 मिनट का Interview देना होता है जिसमें कई लोगों का समूह उससे अलग-अलग सेक्टर से जुड़ें कठिन से कठिन सवाल पुछते हैं अगर वह Interview छात्र क्लियर कर लेता है तो वह एक आईएएस ऑफिसर बन सकता है।
आईपीएस की ट्रेनिंग :
जब एक छात्र UPSC के सभी मानकों पर खरा उतरता हुआ सभी एग्जाम क्लियर कर लेता है तब उसे LBSNAA में IPS की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है जहाँ उसे आगे की तैयारी करनी होती है।
आईपीएस ऑफिसर क्या करते हैं ?
आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद छात्र को पुलिस के बड़े महकमे में सेवा का मौका मिलता है, जैसे – SP, DSP, Commissioner, Deputy Commissioner, CBI, IB या फिर RAW का डायरेक्टर भी बन सकता है।
आईपीएस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है ?
एक आईपीएस ऑफिसर की बेसिक सैलरी 56100 रूपये महीना है लेकिन इसके अतिरिक्त उन्हें यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता सहित अन्य भत्ता मिला है जिसे मिलाकर उन्हें 1 लाख रूपये महीना से ज्यादा ही सैलरी मिलता है। लेकिन अगर किसी अन्य बड़े पद जैसे DGP (Director General Of Police) तक पहुँच जाता है तो उसकी मासिक सैलरी 2 लाख 25 हजार तक हो सकती है।
एक आईपीएस ऑफिसर को सरकार की तरफ से रहने के लिए बंगला साथ में नौकर-चाकर भी मिलते हैं। घूमने-फिरने के लिए गाड़ी साथ में ड्राइवर भी मिलता है। इसके अलावा भी अन्य कई सुविधायें होती हैं जो एक आईपीएस ऑफिसर को मिलती हैं।
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यूपीएससी बिल्डिंग नई दिल्ली
आईएएस और आईपीएस में क्या फर्क होता है ?
वैसे तो आईएएस और आईपीएस दोनों ही अपने आप में बड़े ओहदे होते हैं लेकिन जब दोनों में तुलना की बात आती है तो आईएएस को आईपीएस से ज्यादा पावरफुल माना जाता है क्योंकि एक आईएएस आईपीएस को आदेश दे सकता है लेकिन एक आईपीएस आईएएस को आदेश नहीं दे सकता।
जैसे एक आईएएस ऑफिसर एक जिले का मालिक होता है और उस जिले की पुलिस भी उसके आदेश पर चलती है उस जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट की होती है जो कि एक आईएएस ऑफिसर ही होता है।
हालाँकि एक आईपीएस ऑफिसर की भी अपने आप में काफी पावर होती है क्योंकि एक पुरे जिले की पुलिस उसके अंडर में होती है लेकिन सिर्फ पुलिस ही, जबकि एक आईएएस ऑफिसर के पास पुरे जिले को सँभालने की पावर होती है और उसके अंडर में वहां की पुलिस भी होती है, कोई भी प्रशासनिक आदेश जिला मजिस्ट्रेट ही देता है जैसे – धारा 144 लगवाना, भीड़ या हिंसा पर गोली चलवाना, आदि।
अब रही बात इन दोनों की सैलरी की तो आपने अभी पीछे जाना कि एक आईएएस की सैलरी 1 लाख रूपये से 2 लाख 50 हजार रूपये महीना तक हो सकता है जबकि एक आईपीएस की सैलरी 1 लाख रूपये से लेकर 2 लाख 25 हजार रूपये महीना तक हो सकता है।
Conclusion (निष्कर्ष)
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने जाना कि आईएएस-आईपीएस बनने के लिए एक छात्र को क्या-क्या करना होता है, किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, नियुक्ति होने पर उन्हें कौन से कार्य करने होते है और महीने में उन्हें कितनी सैलरी मिलती है।
वैसे तो आईएएस-आईपीएस बनना कोई आसान काम नहीं है लेकिन इस दुनियाँ में मुश्किल भी तो कुछ नहीं है, इंसान अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकता,सब कुछ कर सकता है, आईएएस-आईपीएस भी बन सकता है, पढ़ना ही तो है, जो पढ़ेगा वह बनेगा।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “IAS-IPS की सैलरी कितनी होती है” आपको पसंद आयेगा और आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।
लेखक परिचय
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