दोस्तों, Sales (बेचना) एक ऐसा शब्द है जिसे दो चार लाइनों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। इस पेशे की कोई लिमिट नहीं है, इसे जितना चाहें उतना विस्तार दिया जा सकता है, क्योंकि जब से इस पृथ्वी पर मानव जाति की उत्त्पत्ति हुई है तभी से लोगों के जीवन यापन में इसकी एक अहम् भूमिका रही है इस आर्टिकल “Art of selling | बेचने की कला” के माध्यम से हम जानेंगे कि इसकी क्या अहमियत है।
Art of selling | बेचने की कला
प्रागैतिहासिक काल में किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु की खरीद फरोस्त होती थी जिसे क्रय – विक्रय कहा जाता था आज आधुनिक काल में भी यही सब होता है लेकिन समय के साथ उसके तरीके बदल गए हैं। अब “वस्तु” के बदले नगद रकम “पैसों” के रूप में लिया जाता है।
दोस्तों, संसार में मुख्य रूप से तीन चीजें बिकती हैं “वस्तु, सेवा और विचार” और इनको बेचने के लिए जिसका सहारा लिया जाता है उसे “बेचने की कला” कहते हैं, आज के इस आर्टिकल में हम इसी कला के बारे में चर्चा करेंगे।
Sales (बेचना) इस पेशे में जितनी संभावना है शायद और किसी पेशे में उतनी संभावना नहीं है क्योंकि इसके साथ एक शब्द जुड़ जाता है व्यापार और संसार में पैसे कमाने का सबसे कारगर तरीका है व्यापार क्योंकि किसी भी देश या राज्य की अर्थव्यवस्था वहां की व्यापार पर ही निर्भर होती है और कोई भी व्यापार Sales ( बेचना ) शब्द के बिना अधूरा है।
दोस्तों, सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि आखिर बेचना किसे कहते हैं……………….?
(1) किसी Company द्वारा कोई Product किसी Holeseller को बेचना।
(2) किसी Holeseller द्वारा कोई Product किसी Retailer को बेचना।
(3) किसी Retailer द्वारा कोई Product किसी Consumer को बेचना।
(4) किसी Sales person द्वारा कोई Product घर – घर जाकर बेचना।
(5) किसी बीमा कम्पनी Agent द्वारा कोई बीमा किसी व्यक्ति को बेचना आदि ।
दोस्तों, ऊपर की लाइनें बेचने की परिभाषा को व्यक्त करती हैं और वाकई में बेचना इन्हीं को कहते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ यह जान लेने से हम बेचना शब्द को जान लेते हैं…….?नहीं ना तो आइये अब हम बेचने शब्द की गहराई में जाते हैं और इस पर चर्चा करते हैं।
Art of selling | बेचने की कला
जब किसी वस्तु, सेवा या विचार को धन या किसी अन्य वस्तु के बदले दिया जाता है तो उसे Sales (बेचना) कहते हैं।
या फिर यह भी कह सकते हैं कि……………………………………………………………………
जब किन्हीं दो लोगों के बीच उत्साह का लेन – देन होता है तो उसे Sales (बेचना) कहते हैं।
उत्साह, इस शब्द को अपने दिमाग में गाँठ बांधकर रख लें, क्योंकि यही वह चीज है जो आपको बेचने के लिए चाहिए। बल्कि मै तो यह कहना चाहूंगा कि यह सिर्फ कोई प्रोडक्ट बेचने के लिए ही नहीं बल्कि जीवन के हर एक मोड़ पर यह आपकी मदद करेगा। और अगर आप सफलता पाना चाहते हैं तो इसे कभी हल्के में मत लेना।
उत्साह आपके जीवन में कितना मायने रखता है यह जानना जरुरी है :
(1) उत्साह के बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में आप पूर्ण सफलता नहीं पा सकते।
(2) उत्साह के बिना पति और पत्नी का रिश्ता पूर्ण रूप से नहीं निभ सकता।
(3) उत्साह के बिना एक खिलाड़ी अपने खेल में 100% नहीं दे सकता।
(4) उत्साह के बिना एक सैनिक सीमा पर लड़ाई नहीं लड़ सकता।
(5) उत्साह के बिना जीवन में कोई रोमांच नहीं आ सकता।
जिस व्यक्ति के अंदर उत्साह नहीं होता वह बघिया बैल की तरह होता है। वह सिर्फ खाने और सोने के लिए जीता है। उसके अंदर कोई इच्छा नहीं होती और जिसके पास कोई इच्छा नहीं होती उसका जीना और मरना बराबर होता है।
हिंदुस्तान के मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर उज्जवल पटनी जी कहते हैं कि…………………… >>>>>>>>>>>>> कुछ लोग इसलिए जिन्दा हैं क्योंकि अभी वे मरे नहीं हैं <<<<<<<<<<<<
अगर आप एक बेहतर Sales Person बनना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर उत्साह को भरना पड़ेगा। अपने Product को बेचने के प्रति आप में जो उत्साह रहेगा वही आप से आपका Product बिकवायेगा। और आप को एक दिन Sales की दुनियाँ का बापू बना देगा।
Sales (बेचना) जिसने इसे सीख लिया वह जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है, क्योंकि यही वह कला है जो इंसान को सृजनात्मक बना देता है। गरीब को अमीर बना देता है, छोटे को बड़ा बना देता है, पत्थर को हीरा बना देता है। और अगर इसमें इतनी ताक़त है तो हमें यह कला अवश्य पता होनी चाहिए।
जिसने खुद को बेचना सीख लिया वह कुछ भी बेच सकता है।
अगर आप कुछ भी बेचने जाते हैं तो सबसे पहले सामने वाला क्या देखता है, आपको या आपके प्रोडक्ट को जाहिर सी बात है कि सामने वाले को पहले आप दिखते हैं बाद में आपका प्रोडक्ट और अगर आप सामने वाले को समझ में नहीं आये तो आपका प्रोडक्ट वह क्या देखेगा।
इसलिए बेचने वाले को पहले अपने आप को बेचना है, इसलिए एक “Sales Person” को इन बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए :
आपका व्यक्तित्व :
(1) आपके कपड़े साफ सुथरे होने चाहिए।
(2) आपके सेव क्लीन होने चाहिए।
(3) आपके चेहरे पर मुस्कराहट होनी चाहिए।
(4) हाथ मिलते वक्त आपके अंदर जोश होना चाहिए।
(5) आपके अंदर सकारात्मक आत्मनिर्भरता होनी चाहिए।
दोस्तों ऊपर की लाइनें आपको एक बेहतर “Sales Person” बनाने में आपकी मदद करेंगी।
लेकिन Picture अभी बाकी है मेरे दोस्त आप ये मत समझिये कि सिर्फ इतने से ही आप एक अच्छे “Sales Person” बन जाएंगे। ये तो आपको सामने वाले को प्रभावित करने के लिए करना है इससे सामने वाला आपको अपने सामने बैठने की अनुमति देगा उसके बाद आपको अपनी दूसरी पारी खेलनी होगी।
आपका व्यवहार :
(1) आपको सामने वाले व्यक्ति से संपर्क बनाना होगा इसलिए आपके अंदर Connectivity Power होनी चाहिए।
(2) सवाल पूछना सीखें, जब आप सामने वाले से सवाल पूछते हैं तो आपको उसके बारे में पता चलता है कि आखिर वह कैसा व्यक्ति है ताकि आप उसे पहचान सकें और उसी हिसाब से उससे बात करें।
(3) बातचीत के दौरान यह जानने की कोशिश करें कि सामने वाली की रुचि किन विषयों में है जैसे – अध्यात्म, राजनीति, खेल, समाज या दुनियादारी के किसी भी क्षेत्र में जिसमे भी उसकी रूचि हो आप भी अधिकतर उन्हीं विषयों में बात करें।
(4) उनके पर्सनल लाइफ के बारे में भी बात कर सकते हैं, उनके स्वास्थ्य के बारे में भी बात कर सकते हैं। वे जो भी बोलते हैं उन्हें ध्यान से सुनें और उनकी हाँ में हाँ मिलायें।
(5) उनके व्यापार के बारे में चर्चा करें और धीरे – धीरे अपने प्रोडक्ट के बारे में चर्चा का मौका ढूंढें और फिर आपकी अगली पारी शुरू हो जाती है।
आपका प्रोडक्ट :
(1) आपको अपने Company और Product के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
(2) आपको अपने competitor के company और product के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
(3) सामने वाला आपका प्रोडक्ट क्यूँ ख़रीदे इसका कारण आपके पास होना चाहिए।
(4) आपके प्रोडक्ट की अच्छाई और बुराई दोनों आपको अच्छी तरह पता होनी चाहिए ताकि जब भी जरुरत पड़े आप फ़ौरन उसके प्रति जबाब दे सकें।
(5) अधिकतर सेल्स मैन इधर – उधर की बातें करते हैं, आप अपने कंपनी और प्रोडक्ट की बातें करें और ताकि सामने वाला आपको सीरियस ले और हो सके तो बीच – बीच में सामने वाले की बात भी सुनें और उसको तबज्जो दें। क्योंकि जब हम सामने वाले को तबज्जो देंगे तो वो भी हमें तबज्जो देगा।
आपकी सर्विस :
दोस्तों, आपने पहले खुद को Present किया और फिर आपने सामने वाले से संपर्क स्थापित किया उसके बाद आपका Product बिका लेकिन क्या इतने से ही आप एक सफल “Sales Person” बन जाते हैं……..? अब आप सोच रहे होंगे कि अब काहें का चिंता Product तो बिक ही गया तो भाई मेरे आपने Product बेच दिया क्या आपकी जिम्मेदारी ख़त्म हो गयी अभी नहीं क्योंकि इसके आगे यह भी तो देखना है कि आपके प्रोडक्ट में दम है कि नहीं। इसलिये नीचे दिए गए कुछ बातों पर आपको ध्यान देना होगा।
(1) अपने प्रोडक्ट का मुल्यांकन करते रहें और उसमे समयानुसार सुधार करते रहें।
(2) प्रोडक्ट बेचने के बाद सामने वाले से feedback लेते रहें इससे सामने वाला आपसे प्रभावित होता है।
(3) अगर आपके product में complaint आये तो सीरियस्ली लें और उसे जल्द से जल्द दूर करें।
(4) बेवजह टालमटोल ना करें इससे आपके कंपनी की छवि ख़राब होती है और दीर्घकाल में नुकसान की सम्भावना बनी रहती है।
(5) किसी भी तरह से Customer की संतुष्टि जरुरी है क्योंकि अगर
Customer संतुष्ट होगा तो वह अन्य लोगों को भी आपके Product के बारे में बताएगा इससे आपकी कंपनी को दीर्घकाल में फायदा होगा।
दोस्तों,ऊपर बतायी गयी सभी बातें अगर एक “Sales Person” में हैं तो इस बात की पूरी सम्भावना बनी रहती है कि वह व्यक्ति किसी भी Company को शिखर पर ले जा सकता है।
क्योंकि किसी भी व्यापार की सबसे बड़ी ताक़त Sales होती है और किसी भी वस्तु का निर्माण तब तक सार्थक नहीं होता जब तक उसका खरीदार ना हो और खरीदार को ढूंढकर उसे जो वस्तु बेची जाती है वह काम एक “Sales Person” करता है। और एक Sales Person को अगर ऊपर दी गयी बातें मालूम हैं तो उसे “बेचने की कला” आती है और जिसे बेचने की कला आती है वह जीवन में किसी भी क्षेत्र में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ सकता है।
दोस्तों, जहां तक मै समझता हूँ, यह आर्टिकल आप लोगों को समझ में आ गया होगा तो सोच क्या रहे है आज से अभी से अपने अंदर के उत्साह को जगाएं और खुद को एक बेहतर “Sales Person” बनायें मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
आज के लिए सिर्फ इतना ही अगले आर्टिकल में हमारी फिर मुलाक़ात होगी तब तक के लिए…..
जय हिन्द …………………………………जय भारत
आपका दोस्त / शुभचिंतक
1 thought on “Art of selling | बेचने की कला”