दोस्तों, आजकल के भाग दौड़ भरे जीवन में ज़्यादातर लोग तनावग्रस्त जीवन जी रहे हैं। लेकिन वे भी क्या करें जीवन चलता है पैसों से और पैसे आते हैं काम से और काम करने के लिए भाग दौड़ तो करना ही पड़ता है। चाहे नौकरी हो या फिर व्यापार पैसे कमाने के लिए टेंशन तो लेना ही पड़ता है लेकिन इन सबके बावजूद जीवन भी तो जीना है लेकिन कैसे जियें अपना जीवन इसके लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा “Art of Living || जीने की कला“।
Art of Living
अब सवाल यह उठता है कि क्या आखिर पैसा ही जीवन में सब कुछ है तो इसके जवाब में मै यह कहना चाहूंगा कि पैसा जीवन में सब कुछ तो नहीं है पर बहुत कुछ ज़रूर है, क्योंकि पैसे से बहुत कुछ ख़रीदा जा सकता है लेकिन सब कुछ नहीं। जैसे…………………………………………………………………………………………………….
- पैसों से सुख तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन शांति नहीं।
- पैसों से बिस्तर तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन नींद नहीं।
- पैसों से हँसी तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन ख़ुशी नहीं।
- पैसों से मकान तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन घर नहीं।
- पैसों से खाना तो ख़रीदा सकता है लेकिन भूख नहीं।
- पैसों से साथी तो ख़रीदा जा लेकिन सच्चा दोस्त नहीं।
- पैसों से दवा तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन अच्छी सेहत नहीं।
- पैसों से घड़ी तो ख़रीदा जा सकता है लेकिन समय नहीं।
- पैसों से बीबी तो खरीदी जा सकती है लेकिन धर्मपत्नी नहीं।
- पैसों से किताबें तो खरीदी जा सकती है लेकिन ज्ञान नहीं।
आज के इस आर्टिकल में हम फोकस करेंगे उन बिंदुओं पर जो पैसे से नहीं बल्कि किसी और चीज के द्वारा आप प्राप्त कर सकते हैं जिसे Art of Living ( जीने की कला ) कहते हैं तो आइये आगे बढ़ते हैं और आज के टॉपिक पर गहराई से चर्चा करते हैं।
इंसान पूरी जिंदगी पैसा कमाता है, “कोई गधे की तरह, कोई घोड़े की तरह तो कोई लोमड़ी की तरह” काम करता है जिसकी जैसी प्रतिभा होती है वह वैसा ही काम करता है और अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता है इस तरह से जीवन गुजर जाता है और एक दिन मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
Art of Living || जीने की कला
इंसान कितना भी पैसा कमा ले, लेकिन अगर उसके जीवन में सुख नहीं है तो वह पैसा किस काम का और सुखी रहने के लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना होगा क्योंकि एक स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य दिमाग का निर्माण और एक स्वस्थ्य दिमाग में सुनहरे भविष्य का निर्माण होता है और सुनहरे भविष्य में ही सुख की अनुभूति होती है।
Art of Living के इस प्रोग्राम के तहत हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएँगे जो आपके जीवन को सामान्य से बेहतर बनाने में आपकी मदद करेंगे।
खुद को पहचानें : लोगों के साथ सबसे बड़ी समस्या है दूसरों के जिंदगी में झाँकने की “दूसरों की बुराई और अपनी अच्छाई” जबकि अगर इसके विपरीत हो जाए “दूसरों की अच्छाई और अपनी बुराई” में झांकना शुरू कर दें तो आपका जीवन बिलकुल बदल जाएगा। अगर आपका कोई दोस्त, पड़ोसी या रिस्तेदार आपसे बेहतर है तो क्यों है उसकी अच्छाइयों को जानने की कोशिश करें और उनकी तारीफ़ करें और उससे कुछ सीखने की कोशिश करें और अगर आप उससे पीछे हैं तो क्यों हैं इसका कारण ढूंढें और उसे दूर करने की कोशिश करें।
योग करें : प्रागैतिहासिक काल से ही मानव शरीर को फिट रखने के लिए योग की अपनी अहम् भूमिका रही है इसके द्वारा मानव जीवन को बेहतर से बेहतर बनाया जा सकता है। योग की शक्ति का इस्तेमाल करके आप अपने जीवन को नया आयाम दे सकते हैं।
ध्यान करें : Meditation अर्थात ध्यान के द्वारा के आप अपनी मानसिक अवस्था को किसी भी हद तक बढ़ा सकते हैं क्योंकि ध्यान में वह ताक़त होती है जिससे आत्मा, परमात्मा और शरीर का मेल हो जाता है और आपके अंदर एक नई ऊर्जा का समावेश होता है जो आपको जीवन में आने वाली कठिनाइयों से लड़ने में मदद करता है।
Art of Living || जीने की कला
सुदर्शन क्रिया करें : ‘सु’ का अर्थ है अच्छा या सही, ‘दर्शन’ का अर्थ है साक्षात्कार या झलक और ‘क्रिया’ एक ऐसा अभ्यास है शुद्धि प्रदान करता है। सुदर्शन क्रिया शुद्धिकरण की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अभ्यास से हमें अपने वास्तविक स्वरुप का साक्षात्कार होता है। अतः सुदर्शन क्रिया साँस लेने की लयात्मक, शक्तिशाली और स्वस्थ्यवर्धक विधि है।
लोगों का सम्मान करें : एक कहावत है कि इज़्ज़त देने से इज़्ज़त मुक्त मिलती है बिल्कुल सही है इसलिए अगर आप दूसरों से सम्मान प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको भी दूसरों का सम्मान करना होगा इससे आप औरों के लिए तो बेहतर बनते ही हैं साथ में अपने खुद के लिए और बेहतर बन जाते हैं।
प्रभु का गुड़गान करें : आप जिस भी धर्म या जाति से सम्बन्ध रखते हैं उसके प्रति आपका लगाव कितना है यह भी आपकी जीवन शैली को प्रभावित करता है अध्यात्म की शक्ति के आगे सारी शक्तियाँ फीकी पड़ जाती हैं क्योंकि यह एक ऐसी अदृश्य शक्ति हैं जो हमें आंतरिक ऊर्जा तो देती है साथ में मानसिक ऊर्जा भी देती है। इसलिए हमें अपने भगवान् पर आस्था रखनी चाहिए और उनका स्मरण करते रहना चाहिए।
कुछ समय अपने लिए निकालें : आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में हम इतने व्यस्त हो गए हैं कि हमारे खुद के लिए ही हमारे पास समय नहीं होता। हमारी जिंदगी कई हिस्सों में बँट चुकी होती है पर सबसे अफ़सोस की बात यह है कि हमारे जीवन में से हम खुदी को दूर करते जा रहे हैं और हम लोगों से कहते फिरते रहते हैं कि जीवन में कोई उमंग नहीं है।
खुश रहने की कोशिश करें : खुश रहना जितना मुश्किल है उतना ही आसान भी है क्योंकि यह एक ऐसा खज़ाना है जिसे कोई भी हासिल कर सकता है इसे पाने के लिए जिस चीज की जरुरत पड़ती है वह है आत्मसंतुष्टि अगर आप में आत्मसंतुष्टि है तो झोपड़ी में भी ख़ुशी है और अगर नहीं है तो राजमहल में भी ख़ुशी नहीं मिल सकती।
व्यस्त रहें मस्त रहें : एक कहावत है कि ‘खाली दिमाग शैतान का घर’ प्रकृति का एक नियम है कि वह किसी भी स्थान को खाली नहीं रखती चाहे वह हमारा दिमाग ही क्यों ना हो क्योंकि अगर हम अपने दिमाग में कोई अच्छी बात नहीं रखेंगे तो उसमे अपने आप ही बुुुरी बात पैठ कर जायेगी यही बात हमारे जीवन में भी लागु होता है। इसलिए कहा गया है कि व्यस्त रहें और मस्त रहें।
पानी बनें न कि पत्थर : एक ऐसा इंसान जो किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल लेता हो उसे पानी जैसा माना जाता है जैसे पानी गिलास में लम्बा, लोटे में गोल और थाली में चिपटा हो जाता है बिलकुल वैसे ही मानव स्वभाव को बनाया जा सकता है और जिसने ऐसा कर लिया समझ लो कि उसे Art of Living ( जीने की कला ) आ गयी।
Art of Living || जीने की कला
अच्छी आदतें अपनायें : हम जिस भी माहौल में रहते हैं उसका हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है “अच्छे माहौल में अच्छा और बुरे माहौल में बुरा” और वही सब हमारी आदतों में शामिल हो जाते है इसलिए अच्छे माहौल में ही रहने की कोशिश करें और अच्छी आदतों को ही अपनायें क्योंकि अच्छी आदतें आपके जीवन को बेहतर बनाती हैं।
आधुनिक काल में इंसान भौतिक चीजों की पूर्ति के चक्कर में पड़कर खुद इतना व्यस्त है कि उसके पास अपने निजी जीवन के लिये फुर्सत ही नही है परिवार के लिये, समाज के लिये, रिस्तेदार के लिये उसके पास समय नही है ।
अधिकतर इंसान भूतकाल में होने वाली घटनाओं को याद करके और भविष्य काल में क्या होगा कैसे होगा के चक्कर में पड़कर अपना वर्तमान खो रहा है जबकि सही जीवन जीने का तरीका है वर्तमान में जीना क्योंकि भूतकाल को याद करके कुछ मिलने वाला नही है और भविष्य हमारे वश में नही है हाँ यह बात जरुर सच है कि वर्तमान में किये गये कामों का फल हमें भविष्य में मिलता है इसलिये वर्तमान में जियें और भविष्य की प्लानिंग करते रहें ।
Art of Living हमें यह सिखाता है कि मानव जीवन को कैसे जिया जाय । संसार की तमाम परेशानियों और मुश्किलों के बीच भी खुद के लिये और दूसरों के लिये भी थोड़ा समय निकाल कर खुश रहने और लोगों में खुशी बाँटने की सच्ची कोशिश ही Art of Living है।
एक बात तो सच है कि पैसा भगवान् तो नहीं है लेकिन यह भी सच है कि आज के युग में पैसा भगवान् से कम भी नहीं है इसलिए इंसानियत और पैसों के बीच एक सकारात्मक सम्बन्ध बनाते हुए जो जीवन आप जीते है सच कहें तो वही Art of Living है। क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में इज़्ज़त से जीने के लिए आपके पास पैसों का होना भी बहुत जरुरी है लेकिन कहीं ऐसा भी ना हो कि ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में आप कहीं अपने आप और लोगों से दूर होते जा रहे हों। इसलिए सभी के बीच सही तालमेल होना जरुरी है।
दोस्तों, जहाँ तक मै समझता हूँ कि इस आर्टिकल का मतलब आप समझ गये होंगे और “Art of Living” का भी तो सोच क्या रहे हैं आज से अभी से एक शुरुआत तो करें फर्क धीरे-धीरे आप महसूस करने लगेंगे……………………………………..मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।
आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसन्द आया होगा, अगर पसन्द आया हो तो Like करें, Comment करें, अपने दोस्तों के साथ Share करें ।
धन्यवाद|शुक्रिया|मेहरबानीं
अगले आर्टिकल में हमारी फिर मुलाकात होगी तब तक के लिये…………………………………………..
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The topics given below are all conceptual and categorized in different stages of physics evolution, all you have to do is pick the one which interest you the most and commence writing the physics essay, another word of advice is to make sure you have understood the subject of the topic otherwise it would be much difficult for you to deal with it. As mentioned earlier, they are all conceptual and based on reasons therefore; you have to make things very clear in mind before writing the physics essay.
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