रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं, और कहाँ से आये हैं ? दोस्तों हो सकता है कि यह सवाल आपके दिमाग में कभी आया हो और अगर कभी पहले ना भी आया हो तो 16 अप्रैल 2022 के दिल्ली के जहांगीरपुरी की घटना के बाद तो आया ही होगा क्योंकि उस दिन हनुमान जयंती के शोभा यात्रा में जो हमला हुआ था उसके सूत्रधार यही लोग बताये गए।
रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं, और कहाँ से आये हैं ?
इंसानों की बस्ती में मुसीबत के मारे हैं ये, म्यांमार देश से निकाले गए दूसरों देशों के सहारे हैं ये।
इनकी बेबशी ही इनकी पहचान है, किसी के लिए दहशतगर्द तो किसी के लिए खतरे के अंगारे हैं ये।।
रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं ?
भारत के पूर्व में स्थित देश म्यांमार (वर्मा) है जहाँ पर बौद्ध धर्म के लोग बहुसंख्यक हैं और वहां पर अल्पसंख्यक के रूप में रोहिंग्या मुसलमान भी रहते हैं। जिनके बारे में कहा जाता है कि वे लोग अवैध बांग्लादेशी प्रवासी है जिन्हें म्यांमार (वर्मा) की सरकार अपना नागरिक नहीं मानती है। .
म्यांमार (वर्मा) में रोहिंग्या मुसलमान की जनसँख्या लगभग 10 लाख के आस-पास है और वे वहां पर कई सालों से रहते चले आ रहे हैं बांग्लादेशी शरणार्थी होने के नाते म्यांमार (वर्मा) में वे लोग उनके दमन के शिकार भी होते चले आ रहे हैं परिणामतः उन्हें बांग्लादेश और थाईलैंड की सीमा पर शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है और वे लोग वहां पर बहुत ही दयनीय हालत पर रहने को मजबूर हैं।
1982 में म्यांमार सरकार ने राष्ट्रीयता कानून बनाया था जिसमे रोहिंग्या मुसलमानों की नागरिकता को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया गया था और उसके बाद से ही म्यांमार सरकार रोहिंग्याओं को देश छोड़ने के लिए मजबूर करती रही है। म्यांमार के बौद्ध धर्म लोगों और रोहिंग्या मुसलमानों के बीच की लड़ाई 1948 से ही चली आ रही है जब म्यांमार आज़ाद हुआ था।
वैसे तो रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार में सदियों से रहते चले आ रहे हैं लेकिन 2012 में रखाइन राज्य में घटी सांप्रदायिक घटना की वजह से मामले ने तूल पकड़ा और जिसके बाद से ही म्यांमार सरकार ने रोहिंग्याओं को अपने देश से निकालने का मन बना लिया।
रोहिंग्या मुसलमान कहाँ से आये हैं ?
रोहिंग्या मुसलमान मुख्यतः म्यांमार (वर्मा) के अराकान राज्य (जो रखाइन के नाम से भी जाना जाता है) के रहने वाले अल्पसंख्यक मुसलमान हैं। जिन्हें वहां की सरकार अपने देश का नागरिक नहीं मानती है। जिस कारण से वे लोग म्यांमार को छोड़ने पर मजबूर हुए और बांग्लादेश, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में शरणार्थी बनने पर मजबूर हुए हैं।
रखाइन म्यांमार का एक ऐसा राज्य है जो म्यांमार की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर बसा है जो बांग्लादेश से बिलकुल सटा हुआ है जिसका क्षेत्रफल 36762 वर्ग किलोमीटर है जहाँ पर रोहिंग्याओं की अच्छी-खासी आबादी हुआ करती थी लेकिन म्यांमार सरकार द्वारा उन पर सख्ती लगाने के बाद उन्हें वह क्षेत्र छोड़ना पड़ा जिसके कारण वे लोग अन्य देशों में शरणार्थी बनकर रहने लगे।
रोहिंग्या मुसलमान की बात करें तो वे फिलहाल म्यांमार (वर्मा) के ही रहने वाले हैं जिन्हें वहां की सरकार ने उन्हें अपना नागरिक मानने से इंकार करते हुए देश निकाला का आदेश देती है जिसके कारण से ही वे लोग वहां से निकलकर बांग्लादेश, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं।
रोहिंग्या मुसलमान भारत में कितने हैं ?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत में लगभग 14 हजार रोहिंग्या मुसलमान कानूनी तरीके से और 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं।
रोहिंग्या मुसलमान भारत के अलग-अलग राज्यों के स्लम इलाकों में झोपड़ पट्टी बनाकर रहते हैं। माना जाता है कि रोहिंग्या मुसलमान अवैध कार्यों में संलिप्त होते हैं।
उनकी गरीबी और बेबशी उन्हें गलत कामों को करने पर मजबूर करती है जिसके कारण वे लोग जिस भी राज्य या शहर में रहते हैं वहां के वातावरण को ख़राब करने का काम करते हैं। ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान आपराधिक कार्यों में संलग्न होते हैं
रोहिंग्या मुसलमान भारत में कहाँ-कहाँ हैं ?
रोहिंग्या मुसलमान भारत में ज्यादातर जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हैदराबाद में रहते हैं। जिसमे सबसे ज्यादा लगभग 10000 रोहिंग्या मुसलमान सिर्फ जम्मू कश्मीर में रहते हैं बाकी भारत के अन्य हिस्सों में रहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के के मुताबिक रोहिंग्या लोग विश्व के सबसे उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक हैं जो बांग्लादेश, थाईलैंड, भारत समेत दुनियाँ के अन्य देशों जैसे – पाकिस्तान,सऊदी अरब, मलेशिया, चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी देशों में भी रहते हैं।
रोहिंग्या मुसलमानों पर भारत सरकार का रुख क्या हैं ?
भारत सरकार का मानना है कि रोहिंग्याओं का इस तरह से भारत में अवैध तरीके से घुसपैठ करना कहीं ना कहीं देश की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुँचाने का काम कर सकता हैं।
क्योंकि ऐसे लोग आतंकवादियों के हथियार बन सकते हैं, आतंकवादी संगठन ऐसे ही लोगों की तलाश में भी रहते हैं जो लोग गरीबी और बेबशी से तंग आ चुके होते हैं ऐसे लोग रोजी-रोटी के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।
भारत सरकार ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें वापिस उनके देश में भेजने के कार्यों को अंजाम देने की फ़िराक में है क्योंकि ऐसे लोग देश की शांति व्यवस्था को भंग करने का काम कर सकते हैं और देश के अंदर माहौल ख़राब करने का काम कर सकते हैं।
भारत के कई ऐसे बड़े महानगर और शहर हैं जहाँ पर ऐसे लोगों की भरमार है जैसे रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी मुसलमान जो लोग देश की शांति व्यवस्था को भंग करने का काम करते हैं और देश के अंदर सांप्रदायिक दंगे भड़काने का काम करते हैं। भारत सरकार ऐसे लोगों के ऊपर शख्त लगाम लगाने के काम में लगी हुई है और उम्मीद है कि जल्द से जल्द इसमें कामयाबी मिल जाएगी।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में ले जायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।
लेखक परिचय
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