ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ? | ब्रह्मांड को किसने बनाया ?

ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ? इस बारे कुछ भी जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि उससे पहले क्या था ? कुछ भी तो नहीं था, दशों दिशाओं में अंधकार ही अंधकार था। 15 अरब साल पहले एक सूक्ष्म पिंड उस घनघोर अंधकार के बीच प्रकट हुआ और वहीं से शुरू हुई वह प्रक्रिया जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। लेकिन कैसे ? यह जानने के लिए, आइये आगे बढ़ते हैं और पढ़ते हैं यह आर्टिकल।

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ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?


ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?

घोर अंधेरा, सिर्फ घोर अंधेरा इसके सिवा और कुछ भी नहीं था, अरबों साल पहले उस घोर अंधेरे के बीच एक बिन्दु अर्थात सुछ्म पिंड की उत्पत्ति होती है और उसमें एक महाविस्फोट होता है जिसे ब्रह्मांड की उत्पत्ति का कारण माना जाता है।

इस पर भी दो पक्ष हैं और दोनों पक्षों के अपने-अपने नजरिये हैं पहला है ईश्वरीय नजरिया और दूसरा है वैज्ञानिक नजरिया लेकिन हम यहाँ पर किसी भी नजरिये का ना तो समर्थन करेंगे और ना ही विरोध, हम तो आपको दोनों ही नजरिये से यह बतायेंगे कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई और आप जिस भी नजरिये के समर्थक हैं उसी नजरिये पर यकीन करें, तो आइये अब शुरु करते हैं…..

दोस्तों, सबसे पहले हम ईश्वरीय नजरिये से और उसके बाद वैज्ञानिक नजरिये से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में जानेंगे।
तो आइये पहले हम ईश्वरीय नजरिये से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में जानते हैं कि…..

आखिर ईश्वरीय नजरिये से ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?

माना जाता है कि अरबों साल पहले जिस सूक्ष्म पिंड की  उत्पत्ति हुई थी वह भगवान शिव थे जिन्होने अपनी माया से भगवान विष्णु को उत्पन्न किया और भगवान विष्णु के नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई जिन्हें सृष्टि की रचना करने के लिये उत्पन्न किया गया था।

ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना तो कर दी लेकिन वह निर्जीव थी और उसमें कोई क्रिया-कलाप नहीं हो रहा था जिसके लिये उन्होने विष्णु जी की आराधना की और उनसे बोले  कि प्रभु मैने सृष्टि की रचना तो कर दी लेकिन उसका विकास भी तो होना चाहिये, यह सृष्टि निर्जीव है इसे सजीव बनाना होगा।

ब्रह्मा जी की इस आराधना को स्वीकारते हुये भगवान विष्णु ने सृष्टि को संभालने और उसे सुचारु रुप से चलाने का कार्यभार संभाला।

भगवान विष्णु की माया से धीरे-धीरे ब्रह्मांड में बहुत सारी प्रक्रियायें होने लगीं जिसके बाद तारों का उद्भव और उसके बाद सूर्य का उद्भव हुआ।

परिणामत: ईश्वरीय नजरिये की मानें तो ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों की माया से हुआ है जिसमें पहले भगवान शिव थे उनकी माया से भगवान विष्णु और विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई जिन्होने सृष्टि की रचना की इसलिये सीधी सी बात है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्मा से हुआ है।

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The Hubble Space Telescope, Spitzer Space Telescope, and Chandra X-ray Observatory have produced a matched trio of images of the central region of our Milky Way. Original from NASA. Digitally enhanced by rawpixel.

आइये अब और आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर…..

वैज्ञानिक नजरिये से ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई ?

माना जाता है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति लगभग 15 अरब साल पहले घने, गर्म बूंद के साथ हुआ था, धीरे-धीरे समय बीतता गया और जब ब्रह्मांड 10 अरब साल पुराना हुआ तो उसमें तारों का उद्भव शुरु हुआ। जिसमें सिर्फ हाइट्रोजन गैस स्थित था। उसके बाद लगभग 4.5 अरब साल पहले सूर्य की उत्पत्ति की प्रक्रिया शुरु हुई ।

ब्रह्मांड की उत्पत्ति के विषय में कई सिद्धान्त प्रचलित हैं, जिसमें बिग-बैंग सिद्धान्त काफी प्रचलित है। जिसे विस्तारित ब्रह्मांड परिकल्पना भी कहा जाता है।
इस सिद्धान्त के अनुसार ब्रह्मांड लगभग 15 अरब साल पहले भारी पदार्थों से निर्मित एक गोलाकार सूक्ष्म पिंड था।

जिसका आयतन अत्यधिक सूक्ष्म और ताप एवम् घनत्व अनन्त था। बिग बैन्ग की प्रक्रिया में इसके अन्दर महाविस्फोट हुआ और ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई।

दोस्तों, शुरुआत में ब्रह्मांड एक सूक्ष्म पिंड था लेकिन लगातार इसकी बृद्धि हो रही है और इसका आकार बढ़ता ही चला जा रहा है।

ब्रह्मांड के क्षेत्रफल की बात करें तो इसका ना कोई आदि है और ना ही कोई अन्त, हमारा ब्रह्मांड असीमित है, इसकी कोई सीमा नहीं है।

अगर हम अपनी पृथ्वी से ब्रह्मांड की तूलना करें तो यह कह सकते हैं कि पृथ्वी एक छोटा सरसों का दाना है और ब्रह्मांड एक बड़ा फुटबाल लेकिन इसके साथ एक बात और भी है कि फुटबाल की अपनी एक सीमा होती है पर ब्रह्मांड की कोई सीमा ही नहीं है।

यह तो फैलता ही जा रहा है, फैलता ही जा रहा है, फैलता ही जा रहा है। जैसे किसी गुब्बारे में हवा भरते समय वह फुलने और फैलने लगता है बिल्कुल वैसे ही ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है जिसकी वजह से आकाश गंगायें भी एक दूसरे से दूर होती चली जा रही हैं।

तो दोस्तों, यह था ब्रह्मांड की उत्पत्ति का रहस्य,
आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “ब्रह्मांड की उत्पत्ति” के बारे में आपके सवाल का जबाब देनें में सक्षम रहा होगा।

आज के लिये सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिये…………जय हिन्द – जय भारत 

आपका दोस्त / शुभचिंतक : अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर (Founder of motivemantra.com)

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने का काम कर रहे हैं।

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