मानव शरीर और दिमाग, इन्हें जितना ही व्यस्त रखा जाये ये उतने ही बेहतर होते चले जाते हैं। दुनियाँ की हर चीज खर्च करने से घटती है लेकिन ये दोनों ही आप जितना खर्च करेंगे ये उतना ही और ज्यादा सक्रीय होते रहते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम व्यस्त रहने के फायदे के बारे में जानेंगे साथ ही इस पर भी चर्चा करेंगे कि व्यस्तता हमारे जीवन के लिए कितना फायदेमंद है, कैसे हम व्यस्तता को अपनाकर अपने जीवन में क्रन्तिकारी परिवर्तन ला सकते हैं और खुद को जमीन से आसमान तक ले जा सकते हैं, तो आइये अब शुरू करते हैं।
व्यस्त रहने के फायदे
यहाँ पर हम व्यस्तता को पाँच भागों में विभाजित करेंगे और उन सभी के बारे में बारी-बारी से बतायेंगे कि कैसे हम अपने जीवन में व्यस्तता को अपनाकर फर्श से अर्श तक पहुँच सकते हैं।
मानसिक व्यस्तता :
एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का घर, यह कहावत बिल्कुल सही है, जैसे किसी खाली खेत में अगर किसी फसल की बीज को नहीं बोया जाय तो उसमें स्वत: ही घास-फुस उग जाते हैं, बिल्कुल वैसे ही अगर किसी भी इंसान के दिमाग में कोई सकारात्मक विचार ना डाला जाये तो उसमेंं स्वत: ही नकारात्मक विचार प्रवेश कर जाते हैं।
इसलिए इंसान को चाहिए कि वह अपने दिमाग को किसी ना किसी काम में लगाकर व्यस्त रखे। इंसान जो सोच सकता है वह उसे कर भी सकता है, उसे पा भी सकता है, पर कैसे,,,,, ?
अपनी मानसिक व्यस्तता को किसी एक दिशा में पूरी ताक़त से झोंककर किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है।
शारीरिक व्यस्तता :
इंसान का शरीर जैसा वह चाहे वैसा बना सकता है, चाहे तो आलसी चाहे तो कर्मठ, आलसी बना लेने पर वह हर तरह से नुकसानदायक ही होता है लेकिन कर्मठ बना लेने पर जीवन का मायने ही कुछ अलग हो जाता है क्योंकि कर्मठ लोग अपने जीवन में आलसियों के मुकाबले ज्यादा सफल होते हैं।
इंसान जितना खाता है उससे कहीं ज्यादा उसे अपने शरीर से काम करना चाहिए वर्ना शरीर पर चर्बी जमा हो जाने के कारण बीमारियाँ हावी होने लगती है, शारीरिक व्यस्तता जैसे :
योग, व्यायाम, पैदल चलना, हार्ड वर्क आदि को अपनाकर इंसान एक स्वस्थ्य जीवन जीते हुए सांसारिक सुख का भरपूर आनंद ले सकता है।
व्यस्त रहने के फायदे
शैक्षणिक व्यस्तता :
जो इंसान शिक्षा की कीमत को समझता है, एक दिन शिक्षा उसे बेशकीमती बना देती है। अभी तक आपने मानसिक और शारीरिक व्यस्तता के बारे में पढ़ा और जाना कि यह दोनों आपके जीवन के लिये कितने किमती हैं बिल्कुल उसी तरह शैक्षणिक व्यस्तता भी है जिसके बिना जीवन अमुल्य होता है, जो लोग अपनी जीवनचर्या में किताबें पढ़ना, निरंतर कुछ न कुछ नया सीखना आदि शामिल करते हैॆ वे अन्य लोगों के मुकाबले अपने जीवन में ज्यादा बेहतर होते हैं।
ज्ञान जहाँ भी मिले फ़ौरन लपेट लेना चाहिए अब वह चाहे किताबों से हो या इंटरनेट से या फिर किसी भी अन्य माध्यम से।
व्यापारिक व्यस्तता :
जिन्दगी चलती है पैसों से और पैसे आते हैं काम से इसलिये अपने काम मे जितना समय देंगे उतना ही आपके लिये बेहतर होगा। अब चाहे वह नौकरी हो या व्यापार, अब आप यह कह सकते हैं कि व्यापार में ज्यादा समय देना तो समझ में आता लेकिन नौकरी में ज्यादा समय देने से क्या फायदा आखिर पैसे तो उतने ही मिलेंगे जितने मिलते है।
हाँ, आप अपनी जगह बिल्कुल सही हैं लेकिन गलत मै भी नहीं हूँ क्योंकि अगर आप अपने नौकरी में ज्यादा समय देंगे तो जाहिर सी बात है कि काम भी ज्यादा करेंगे परिणामत: नतीजा भी अच्छा ही आयेगा। इससे आपका बास प्रभावित होगा और सबसे बड़ी बात कि आपके सामने कोई मुकाबला नहीं होगा और इसका फायदा भी आपको भविष्य में पदोन्नति के रुप में जरुर मिलेगा।
व्यापार ही वह माध्यम है जो अमीरी की ओर ले जाता है, अपने व्यापार में व्यस्त रहें और मस्त रहें।
सांसारिक व्यस्तता :
इसके तहत आपके दोस्त, पड़ोसी, रिस्तेदार और समाज आता है क्योंकि अगर आपके पास लोग नहीं हैं तो वह पैसा आपके लिये क्या मायने रखेगा और सीधी सी बात है कि आखिर आप पैसा कमा क्यों रहे हैं जब लोगों में आपकी मौजुदगी नहीं होगी, आपकी कोई इज्जत नहीं होगी तो फिर पैसे का महत्व ही क्या है इसलिये सब कुछ करते हुये भी आपको किसी भी तरह ज्यादा ना सही पर सही समय पर सही जगहो् पर पहुँचने की कोशिश जरुर करें।
सांसारिक व्यस्तता से आत्मिक सुख की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही साथ समाज में इज़्ज़त और ख्याति भी बढ़ती है।
व्यस्तता के फायदे :
किसी भी खाली आदमी को जमाना अच्छे नजर से नहीं देखता, उसे नल्ला, निकम्मा या धरती के बोझ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इंसान की पहचान उसके नाम से कम बल्कि उसके काम से ज्यादा होता है। इसलिये इंसान को अपने आप को किसी न किसी काम में व्यस्त रखना चाहिये। हमेशा काम में व्यस्त रहने वाले लोगों को भविष्य को लेकर काफी उम्मीदें रहती हैं क्योंकि जो हमेशा अपने काम में व्यस्त रहते हैं वे लोग किसी भी क्षेत्र में रहें वहाँ वे औरों से ज्यादा सम्मान की नजर से देखे जाते हैं जमाना उनकी कद्र करता है और लोग उनकी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं। इसलिये व्यस्तता को अपने जीवन मेें शामिल करें और अपने आपको आम से खाश बनायें।
व्यस्त रहने के तरीके
सुबह की व्यस्तता :
दिन की शुरुआत सुबह की शैर और योग और कसरत के साथ करनी चाहिये इससे हमारा पूरा दिन उर्जा से भरपूर रहता है और हम किसी भी काम को बेहतर ढंग से कर पाते हैं। इस व्यस्तता से हमारा स्वास्थ्य भी सही रहता है और बीमारियाँ भी पास नहीं आती हैं और सुबह-सुबह ही कई लोगों से दुआ सलाम भी हो जाता है जिससे शारीरिक व्यस्तता के साथ ही सांसारिक व्यस्तता वाला कालम भी पूरा हो जाता हैै।
दिन की व्यस्तता :
हमें अपने दिन के समय को पूरे मेहनत और लगन से अपने काम में लगाना चाहिये क्योंकि हमारा काम ही हमारे आजीविका का साधन होता है क्योंकि उससे हम पैसा कमाते हैं। हम जितना मन लगाकरअपना काम करेंगे हमारे पास उतना ही पैसा आयेगा। इससे हमारा व्यापारिक व्यस्तता वाला कालम भी पूरा हो जाता है।
शाम की व्यस्तता :
शाम को काम सेे आने के बाद थोड़ा समय परिवार के साथ समय बिताते हुये हो सके तो सोशल मीडिया या काल द्वारा लोगों से सम्पर्क स्थापित करते रहे क्योंकि आज के भाग दौड़ भरे माहौल में हर एक व्यक्ति से आप रूबर तो मिल नहीं सकते इसलिये ऐसे में सोशल मीडिया द्वारा आप लोंगो के बीच अपनी हाजिरी लगाते रहें। इससे हमारा मानसिक व्यस्तता वाला कालम भी पूरा हो जाता है।
रात की व्यस्तता :
रात को सोने से पहले अपने पूरे दिन का मुल्यांकन करें कि आज पूरे दिन में मैने क्या किया, कैसे किया और क्या सही या गलत किया, क्या मूझे या मूझसे संबंधित लोगों को मेरे किये गये काम से तसल्ली हुई या नहीं। साथ में आने वाले कल के बारे मेंं योजना बनाये कि मूझे कल क्या करना है, कैसे करना है और क्यूँ करना है, किससे मिलना है, क्यूँ मिलना है और क्या बात और कैसे बात करनी है। इससे हमारा मानसिक, व्यापारिक और सांसारिक व्यस्तता समेत जीवन के अन्य मूल्यों वाला कालम भी पूरा हो जाता है।
व्यस्त रहें मस्त रहें
व्यस्त रहने वाले अपने काम की धुन में इतना मस्त रहते हैैं कि उन्हें चिन्ता करने का समय ही नहीं मिलता इसलिये वे अपने काम मे ही खुश रहते हैं इसलिये उनके दिमाग में किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार नहीं आते और वह अपनी व्यस्तता से एक न एक दिन सफलता की शिखर पर पहुँच जाते हैं।
अपने आस-पास के 10 अमीर और 10 गरीब लोगों के जीवनचर्या पर ध्यान दें, आपको फर्क जरूर महसूस होगा कि अमीर आखिर अमीर क्यों है और गरीब आखिर गरीब क्यों है, इसमें व्यस्तता की बड़ी भूमिका होती है
आलसी लोग स्वर्ग को नर्क बना देते हैं और व्यस्त लोग नर्क को स्वर्ग बना देते हैं।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “व्यस्त रहने के फायदे” आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में ले जायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।
लेखक परिचय
इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।
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