विनय दुबे, एक ऐसा नाम जो आजकल सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही चर्चा में है। आखिर यह विनय दुबे कौन है, कहाँ का रहने वाला है और करता क्या है। इस आर्टिकल में हम आपको इनके बारे में वो सब कुछ बताएँगे जिसे जानने की जिज्ञासा आपके मन में है। “Vinay Dubey Biography In Hindi | Vinay Dubey Mumbai | विनय दुबे कौन है“।
नमस्कार दोस्तों, मै अमित दुबे आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ……………………
Vinay Dubey Biography In Hindi
विनय दुबे कौन है
विनय दुबे मुंबई के पास कल्याण के रहने वाले हैं, उनके पिता जटाशंकर दुबे मुंबई में ऑटो ड्राइवर हैं, यह अपने पिता के चार बेटों में सबसे बड़े है, इनके तीन छोटे भाई निर्भय, अभय और अजय अपने माता पिता के साथ मुंबई में ही रहते हैं और अपनी पढ़ाई पूरी करके तीनो अलग – अलग जगहों पर नौकरी करते हैं।
विनय दुबे बारहवीं पास हैं हालांकि वह भी पढ़-लिख कर इंजीनियर बनना चाहते थे और उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में B.E. में दाखिला भी लिया था लेकिन वह प्रथम वर्ष की परीक्षा में ही फेल हो गए और तभी से उनकी राह कुछ अलग हो गयी और वह राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने लगे राजनीति में उनके कैरियर के बारे में हम अभी इसी आर्टिकल में आगे आपको बताएँगे।
विनय दुबे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, मुंबई में एक NGO चलाते हैं जिसका नाम उत्तर भारतीय महा पंचायत है, यह NGO उत्तर भारतीयों, गरीबों और मज़दूरों के हित के लिए काम करता है।
विनय दुबे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं facebook, twitter, instagram, आदि पर उनके अच्छे खासे followers हैं और इसके साथ ही वह Youtube पर भी वह काफी सक्रिय रहते हैं, उनके Youtube Video काफी चर्चा के विषय रहते हैं क्योकि वह मोदी सरकार के कामों के खिलाफ अपने वीडियो में बोलते हैं और उनकी बोलने की शैली भी कुछ अलग ही है।
विनय दुबे द्वारा सामाजिक सक्रियता कुछ इस प्रकार हैं :
1. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के किसी भी कार्य का घोर विरोध करना।
2. शाहीन बाग, जैसे प्रदर्शनों में शामिल होकर सरकार का विरोध करना।
3. CAA, NRC, NPR, जैसे मुद्दों का बड़े पैमाने पर समर्थन करना।
4. Youtube पर भड़कीले वीडियो बनाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना।
5. अपने बड़बोलेपन से राजनितिक पार्टियों का ध्यान अपनी तरफ खींचना।
6. मुंबई की राजनीति में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करना।
7. अपने NGO के द्वारा उत्तर भारतियों, गरीबों और मजदूरों की मदद करना।
8. Lockdown के दौरान मुंबई के प्रवासियों के लिए बस सुविधा का ऐलान करना।
9. उत्तर भारतियों को सरकार के खिलाफ भड़काने का काम करना।
10. मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ इकट्ठी करवा देना।
दोस्तों, जहाँ तक मै समझता हूँ कि अभी तक तो आप विनय दुबे के बारे में काफी कुछ जान चुके होंगे ऊपर जो दस बातें उनके बारे में बताये गए हैं वो सकारात्मक हैं या फिर नकारात्मक इसके बारे में मै कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि ना ही विनय दुबे मेरे दोस्त हैं और ना ही दुश्मन मै इस आर्टिकल के माध्यम से जो सच्चाई है वही आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ और साथ ही मेरी एक कोशिश भी रहेगी कि मेरे द्वारा इस आर्टिकल में ऐसा कुछ भी ना लिखा जाय जिसके कारण किसी के भी दिल को ठेस पहुंचे क्योंकि मै एक लेखक और स्पीकर हूँ साथ ही एक सच्चा देशभक्त भी हूँ मेरा किसी भी जाति, धर्म, या राजनितिक पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
Vinay Dubey Biography In Hindi
विनय दुबे की पारिवारिक पृष्टभूमि
विनय दुबे के पिता जटाशंकर दुबे उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के औराई क्षेत्र के हरि नारायण पुर के मूल निवासी हैं यहाँ मै अधिक जानकारी के लिए आपको बताना चाहूंगा कि भदोही जिला पहले वाराणसी जिले के अंतर्गत आता था लेकिन अब भदोही खुद एक जिला बन गया है और जो औराई क्षेत्र है वह इलाहाबाद और वाराणसी के बीच G.T. रोड पर पड़ता है।
विनय दुबे के गांव में उनके पिता की पैतृक संपत्ति है जिसकी देखभाल उनके ताऊ रवि शंकर दुबे करते हैं वह अपनी पत्नी के साथ वहां पर रहते हैं। विनय दुबे के परिवार अपने गांव बहुत काम जाता है वह भी तब जब घर में कोई शादी – व्याह जैसा कोई खाश कार्यक्रम होता है।
विनय दुबे के ताऊ रवि शंकर दुबे बताते हैं कि वह विनय को राजनीति से दूर रहने की सलाह देते हैं लेकिन विनय उनकी बातों को सुनकर इग्नोर कर देता है। क्योंकि विनय एक महत्वाकांक्षी लड़का है और वह जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है विनय नाम, इज़्ज़त और शौहरत कमाना चाहता है।
विनय दुबे का राजनैतिक कैरियर
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि विनय दुबे एक महत्वाकांक्षी लड़का है वह नाम, इज़्ज़त और शौहरत कमाना चाहता है। विनय पहले इंजीनियर बनना चाहता था लेकिन जब वह प्रथम वर्ष में ही फेल हो गया तो उसका मन पढ़ाई से हट गया और वह पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गया और उसने अपना पहला चुनाव 2012 में वाराणसी शहर उत्तरी से विधान सभा का NCP की टिकट से लड़ा लेकिन वह चुनाव हार गया। विधान सभा चुनाव हार जाने के बाद उसने पार्टी छोड़ दी और फिर महाराष्ट्र चला आया और एक NGO खोली जिसका नाम उसने उत्तर भारतीय महा पंचायत रखा और एक सामाजिक कार्यकर्त्ता बनकर लोगों की सेवा करने लगा।
हमने आपको ऊपर बताया है कि विनय एक महत्वाकांक्षी लड़का है और वह नाम, इज़्ज़त और शौहरत कमाना चाहता है उसकी इसी धुन ने उसे फिर राजनीति की तरफ खिंच लिया और वह 2019 में मुंबई के पास के कल्याण सीट से फिर एक बार चुनाव मैदान में उतरा लेकिन वह लोकसभा का चुनाव था और उस चुनाव में विनय निर्दलीय लड़ा लेकिन फिर उसको असफलता का सामना करना पड़ा और वह चुनाव हार गया।
2019 का लोकसभा चुनाव तो वह हार गया लेकिन वहीं से उसकी पकड़ मुंबई के उत्तर भारतीय नेताओं तक बन गयी और राजनैतिक गलियारों में उसका आना जाना शुरू हो गया क्योकि लोकसभा चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति भले ही हार जाता है लेकिन वह चर्चे का विषय तो बन ही जाता है यहाँ पर मुझे एक कहावत याद आ गई जो मैं आपको जरूर सुनाना चाहूंगा………………………..
हिंदुस्तान के मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और मेरे मोटिवेशनल गुरु कहते हैं कि…………………
मै कभी हारता नहीं या तो जीतता हूँ या फिर सीखता हूँ
दोस्तों, हम जब भी कोई काम करते हैं या तो उसमे जीत जाते हैं या हार जाते हैं लेकिन हमारे मोटिवेशन का सिध्दांत यह कहता है कि हम जो हारे हैं उससे हम क्या सिख सकते हैं हमें उस पर विचार जरूर करना चाहिए और अगर हम विचार करेंगे तो हमें कुछ ना कुछ जरूर सीखने को मिलेगा।
तो चलिए आगे बढ़ते हैं और दुबे जी के बारे में बात करते हैं कि आखिर उसके बाद विनय दुबे ने क्या किया। मुंबई के उत्तर भारतीय नेताओं के संपर्क में आने के बाद विनय ने सोशल मीडिया की तरफ रुख किया और facebook, twitter, instagram आदि पर follower बढ़ने लगे साथ ही विनय वीडियो बनाकर Youtube पर अपलोड करने लगा भड़कीले वीडियो होने के कारण वह सोशल मीडिया पर मशहूर हो गया।
विनय दुबे की गिरफ्तारी
विनय दुबे की सोशल मीडिया में बढ़ती लोकप्रियता के कारण मुंबई के उत्तर भारतीय उसे अच्छी तरह जानने लगे और विनय को भी अपनी राजनीति चमकानी थी इसलिए वह Lockdown में फंसे लोगों के हितों की बात करने लगा अपने NGO के माध्यम से लोगों की मदद करने लगा और साथ ही प्रवासियों के घर पहुँचाने के मुद्दे को लेकर अपने को हीरो साबित करने लगा और सोशल मीडिया पर एक ऐलान कर दिया की उसकी संस्था 40 बसों का इंतज़ाम कर रही है जो प्रवासियों को उनके घर छोड़कर आयेंगी।
विनय दुबे द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए ऐलान का वीडियो लोगों तक पहुँचने लगा अभी इन बातों की चर्चा चल ही रही थी कि 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हज़ारों प्रवासियों की भीड़ जमा हो गयी इससे मुंबई प्रशासन सकते में आ गया क्योंकि कोरोना वायरस के चलते देश में जो Lockdown चल रहा था यह भीड़ उसका सीधा उलंघन था।
बांद्रा रेलवे स्टेशन की भीड़ ने प्रशासन की नींद उड़ा दी और यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इसके पीछे आखिर किसकी साज़िश है। आखिरकार विनय दुबे का वीडियो ही इसका सूत्रधार माना गया और इसी कारण विनय दुबे को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे डाल दिया और अब दुबे जी 21 अप्रैल तक मुंबई पुलिस के रिमांड पर हैं।
सही क्या है और गलत क्या है अब ये तो कानून तय करेगा लेकिन यहाँ पर एक बात तो पक्की है कि विनय दुबे के बड़बोलेपन ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया देखते हैं कि अब आगे क्या होता है।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा तो सोच क्या रहे हैं इस जानकारी को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर करें ऊपर सोशल मीडिया के Botton दिए हुए हैं उन पर क्लिक करें और अपने चाहने वालों तक यह आर्टिकल भेजने की कृपा करें। साथ ही एक Like का भी Botton दिखेगा उस पर क्लिक करने की कृपा करें। नीचे एक Comment Box भी दिया गया है उसमे अपनी भड़ास निकाल लें अर्थात जो मन में आये लिख दें।
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धन्यवाद | शुक्रिया | मेहरबानीं
आपका दोस्त / शुभचिंतक अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर ……….founder & ceo……….. www.motivemantra.com
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