सरकार क्या है | भारत सरकार कैसे चलती है

सरकार क्या है, और भारत सरकार कैसे चलती है ? यह सवाल किसी भी भारतीय नागरिक के ज़हन में सकता है। यही सोचकर हमने यह आर्टिकल लिखने का फैसला किया ताकि हर एक देशवासी को ये बात पता चल सके, तो आइये अब शुरू करते हैं।

सरकार क्या है
सरकार क्या है

सरकार क्या है

सरकार एक ऐसे समूह को कहते हैं जो किसी भी देश की शासन प्रणाली को व्यवस्थित रूप से चलाने का काम करती है। जिस पर अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था से लेकर देश के हित में होने वाली सभी नीतियों को लागू करने तथा उनका पालन कराने तक की जिम्मेदारी होती है।

कोई भी देश बिना सरकार के व्यवस्थित रूप से नहीं चल सकती। हर एक देश का अपना एक संविधान होता है जिसके अनुसार ही वहाँ की सरकार चलती है। इस आर्टिकल में हम भारत सरकार कैसे चलती है के बारे में बात करने जा रहे हैं। तो आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि भारत की सरकार कैसे काम करती है।

भारत सरकार कैसे काम करती है

भारत सरकार के तीन अंग हैं, विधान पालिका, कार्य पालिका और न्याय पालिका जो भारतीय संसद के अधीन हैं। इन तीनों अंगो के बारे में हम आपको आगे बताने वाले हैं लेकिन इससे पहले हम यह जानेंगे कि भारत की सरकार को कौन चलाता है।

वैसे तो भारत सरकार का सबसे प्रमुख व्यक्ति राष्ट्रपति होता है लेकिन सच कहें तो वह सिर्फ नाम का ही प्रमुख होता है उसके नाम से ही सरकार चलती है लेकिन प्रधानमंत्री देश को चलाता है क्योंकि भारत सरकार के सभी कार्य कार्यपालिका के द्वारा होते हैं जो प्रधानमंत्री के हाथों में होता है।

प्रधानमंत्री ही देश का वास्तविक मुखिया होता है। हालाँकि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है लेकिन प्रधानमंत्री वही बन सकता है जो लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को कुल सीटों में से आधे से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाकर बहुमत प्राप्त करता है।

भारत सरकार का मुख्य केंद्र बिंदु भारतीय संसद है, हालाँकि आपको पता ही होगा कि संसद क्या है, लेकिन अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं हम आगे इसी पर चर्चा करने जा रहे हैं कि आखिर संसद क्या है ?

संसद क्या है

संसद ही वह केंद्र बिंदु है जहाँ से भारत की सरकार चलती है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। स्पष्ट भाषा में कहें तो संसद ही विधानपालिका का सर्वोच्च निकाय है।

भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन होते हैं (1) लोकसभा (लोगों का सदन) (2) राज्यसभा (राज्यों का परिषद) राष्ट्रपति जब चाहे दोनों सदनों में से किसी को भी बुला सकता है, स्थगित कर सकता है और लोकसभा को भी भंग कर सकता है।

संसद के दोनों सदनों में से राज्यसभा को उच्चसदन और लोकसभा को निम्नसदन कहा जाता है लेकिन यह सिर्फ कहा जाता है क्योंकि भारतीय संविधान में कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं है जो राज्यसभा को उच्च और लोकसभा को निम्न सदन प्रमाणित करता हो।

संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या एवं नियुक्ति की जानकारी निम्नलिखित है।

लोकसभा

लोकसभा में देश की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिन्हें सांसद (Member of Parliament) कहते हैं जिनकी अधिकतम संख्या 550 हो सकती है लेकिन वर्तमान में यह संख्या 543 है। इनकी नियुक्ति 5 साल के लिए होती है।

राज्यसभा

राज्यसभा संसद का एक स्थायी सदन है, जिसकी अधिकतम संख्या 250 हो सकती है लेकिन वर्तमान में यह संख्या 245 है। इनकी नियुक्ति 6 साल के लिए होती है जिसके एक तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते रहते हैं।

भारत सरकार के तीनों अंग कैसे काम करते हैं

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि भारत सरकार के तीन अंग हैं, विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका इन्हीं के अंतर्गत समूचा सरकारी तंत्र कार्य करता है। पर ये तीनों कैसे काम करते हैं, आइये अब हम इनके बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

विधानपालिका

विधानपालिका (विधायिका) किसी भी राजनैतिक व्यवस्था की उस संगठन या इकाई को कहते हैं जो देश के कानून व नीतियों को बनाने, बदलने या फिर हटाने का अधिकार रखता हो। यह एक सदनीय या फिर दो सदनीय हो सकता है। भारत का विधानपालिका दो सदनीय है। जिसके अंतर्गत लोकसभा और राज्यसभा आते हैं।

कार्यपालिका

कार्यपालिका सरकार का वह अंग होता है जिसके द्वारा सरकार की नीतियों को लागू करने से लेकर उन पर अमल करवाने तक की प्रक्रिया शामिल होती है। जिसके अंतर्गत वे सभी प्रक्रियाएं आती हैं जो देश की शासन प्रणाली को सुचारु रूप से चलाने में प्रयोग में लायी जाती हैं।

कार्यपालिका को चलाने में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल सभी का हाथ होता है लेकिन उसका वास्तविक मुखिया प्रधानमंत्री ही होता है क्योंकि वही मंत्रिमंडल का चुनाव करता है और समस्त मंत्रालयों के सहयोग से ही कार्यपालिका अपने कार्यों को सुचारु रूप से चलाता है। कार्यपालिका के अंतर्गत ही प्रशासन के समस्त कार्य जैसे – राजस्व वसूली, निरीक्षण, आयुक्त, पुलिस, और तीनों सेनाएं आदि आते हैं।

न्यायपालिका

न्यायपालिका सरकार का वह अंग होता है जिसके द्वारा कानून की रक्षा करवाई जाती है, सरकारी आदेशों का पालन करवाया जाता है, देश के नागरिकों के भिन्न-भिन्न प्रकार के विवादों को निपटाया जाता है। जिसकी सुनवाई न्यायाधीशों के समक्ष होती है और वे उनका निपटारा करते हैं।

भारतीय न्यायपालिका के अंतर्गत आने वाले न्यायालयों को निम्न श्रेणी में बाँटा गया है।

सर्वोच्च न्यायालय (Suprem Court) जो देश की राजधानी नई दिल्ली में है।

उच्च न्यायालय (High Court) जो हर राज्य की राजधानी में होता है।

जिला न्यायालय (Distric Court) जो हर एक राज्य के जिले में होता है।

अधीनस्त न्यायालय (Subordinate Court) जो निचली अदालत कही जाती है।

सरकार कैसे बनती है

सरकार बनाने के लिए निष्पक्ष चुनाव होता है और चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग का होता है। चुनाव आयोग का काम होता है चुनाव की तारीख तय करना, आचार संहिता लागू करना और उसका पालन सभी राजनीतिक पार्टियों से करवाते हुए शांतिपूर्वक चुनाव करवाना।

केंद्र सरकार कैसे बनती है

केंद्र में सरकार बनाने के लिए लोकसभा का चुनाव होता है जहाँ से सांसद (Member of Parliament) बनते हैं। जिसमें सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपने-अपने उम्मीदवार उतारते हैं। सभी पार्टियाँ चुनाव जीतने के लिए अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगाती हैं, मतदाताओं को रिझाने के लिए लुभावने घोषणाएं करती हैं।

चुनाव पूर्ण होने के कुछ दिन बाद वोटों की गिनती होती है जिसमें जिस पार्टी को सबसे ज्यादा बहुमत प्राप्त होता है उसे राष्ट्रपति सरकार बनाने का न्योता देते हैं। लोकसभा चुनाव में कुल 543 सीटें होती हैं जिसमे से सरकार बनाने के लिए कम से कम 272 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करती है।

जिस राजनीतिक पार्टी की जीत होती है उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है साथ ही मंत्रीमंडल के अन्य सदस्यों का भी शपथ ग्रहण कराया जाता है।

राज्य सरकार कैसे बनती है

राज्य में सरकार बनाने के लिए विधानसभा का चुनाव होता है जहाँ से विधायक (MLA) बनते हैं। इस चुनाव में भी सभी राजनीतिक पार्टियाँ अपने-अपने उम्मीदवार उतारते हैं। चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगाते हैं, जनता के बीच लुभावने वादे करते हैं।

जो पार्टी चुनाव जीतती है उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को राज्यपाल सरकार बनाने का न्योता देते हैं, राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों का शपथ ग्रहण कराया जाता है।

विधानसभा चुनाव में राज्य के क्षेत्रफल और जनसँख्या के अनुसार सीटें होती हैं जैसे उत्तर प्रदेश में कुल विधानसभा की 404 सीटे हैं जिसमें से 203 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करती है।

सरकार कैसे गिरती है

जैसा कि अपने जाना कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल सीटों की 50% से ज्यादा सीटों पर अपनी जीत दर्ज करनी होती है और सरकार में बने रहने के लिए उन सीटों का समर्थन पुरे शासनकाल में उनके साथ होना चाहिए।

मान लीजिये कि लोकसभा की 543 सीटों में से 272 सीटों पर जीत दर्ज करके एक पार्टी अपनी सरकार बनाती है लेकिन कुछ महीने या साल बाद कोई अन्य पार्टी मौजूदा सरकार की पार्टी में से 20 सांसदों को तोड़ लेती है तो बचे कितने सांसद 252 लेकिन बहुमत बनती है 272 पर तो क्या होगा, ऐसे में सरकार गिर सकती है।

केंद्र सरकार के कार्य

हमारा देश भारत एक संघीय शासन प्रणाली वाला देश है जिसके अंतर्गत 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश आते हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कमान केंद्र सरकार के पास होती है जिसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के द्वारा चलाया जाता है।

हालाँकि सभी राज्यों की सरकारों के पास अपने राज्य को अपने हिसाब से चलाने की छूट होती है जिसका मुखिया राज्य का मुख्यमंत्री होता है लेकिन फिर भी इन पर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार अपना दबदबा बरकरार रखती है। केंद्र सरकार को देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए ज्यादा अधिकार प्रदान किये गए हैं।

  • केंद्र सरकार के पास कानून बनाने का अधिकार होता है।
  • केंद्र सरकार ही सभी प्रकार की विदेश नीतियाँ तय करती है। ‘
  • केंद्र सरकार ही सभी योजना और निर्माण के कार्य करती है।
  • केंद्र सरकार के हाथ में ही देश की सुरक्षा का जिम्मा होता है।
  • केंद्र सरकार ही मंत्रिमंडल का गठन और विस्तार करती है।
  • केंद्र सरकार ही देश के बजट का निर्माण करती है।
  • केंद्र सरकार ही देश की मुद्रा को छापने का कार्य करती है।
  • केंद्र सरकार ही देश के दुश्मनों पर प्रहार करती है।
  • केंद्र सरकार कानूनों में बदलाव करने का कार्य करती है।
  • केंद्र सरकार के माध्यम से ही सभी विदेशी व्यापार होते हैं।

राज्य सरकार के कार्य

हर एक राज्य सरकार को अपने राज्य को अपने हिसाब से चलाने का अधिकार प्रदान होता है। राज्य की कमान उसके मुख्यमंत्री के पास होती है। जो स्थानीय सरकार को जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए चलाता है। अपने राज्य की जनता की जरूरतों और सहूलियतों को समझते हुए राज्य का मुख्यमंत्री निम्नलिखित विभागों को सुचारु रूप से चलाने का काम करता है।

  • राज्य सरकार लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
  • राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाये रखने का काम करती है।
  • राज्य सरकार स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों पर काम करती है।
  • राज्य सरकार शिक्षा और नैतिक विकास पर काम करती है।
  • राज्य सरकार सड़क और परियोजना पर काम करती है।
  • राज्य सरकार समस्त व्यापारिक नीतियाँ तय करती है।
  • राज्य सरकार विक्रीकर निर्धारण नीतियाँ तय करती है।
  • राज्य सरकार लाइसेंस जारी करने का कार्य करती है।
  • राज्य सरकार शराब और धूम्रपान की उम्र तय करती है।
  • राज्य सरकार पेट्रोल, डीज़ल और गैस के दाम तय करती है।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “सरकार क्या है” आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।

लेखक परिचय

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