पृथ्वी के नीचे क्या है | पृथ्वी के अंदर का रहस्य

पृथ्वी के नीचे क्या है > यह सवाल कभी ना कभी आपके दिमाग में जरूर आया होगा और अगर नहीं आया तो कोई बात नहीं इस आर्टिकल का टाइटल पढ़ने के बाद आपके दिमाग में इसे जानने की जिज्ञासा जरूर जगी होगी तो आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं पृथ्वी के अंदर छुपे रहस्य के बारे में।

पृथ्वी के नीचे क्या है
पृथ्वी के नीचे क्या है

पृथ्वी के नीचे क्या है

पृथ्वी की उत्पत्ति

पृथ्वी की उत्पत्ति सूर्य के अंदर हुए एक महाविस्फोट से हुई थी। जिस विस्फोट में सिर्फ पृथ्वी ही नहीं बल्कि इसके साथ 7 अन्य ग्रहों की उत्पत्ति भी हुई थी।

सौरमंडल परिवार के आठों ग्रह >

  • बुद्ध
  • शुक्र
  • पृथ्वी
  • मंगल
  • बृहस्पति
  • शनि
  • अरुण
  • वरुण

ये सभी सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। सौरमंडल के आठ ग्रहों में से पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिसमें जीवन है।

पृथ्वी का स्वरुप

ज्यादातर लोगों का मानना है कि पृथ्वी गोल आकार की है लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि पृथ्वी का आकार चिपटा-अंडाकार है। पृथ्वी पर 71 % पानी और 29 % भू-भाग है। भू-भाग के हिस्सों में पर्वतीय, रेगिस्तानी और मैदानी इलाके आते हैं।

पृथ्वी पर 7 महाद्वीप और 4 महासागर हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं।

महाद्वीप >

  • एशिया
  • यूरोप
  • अफ्रीका
  • उत्तरी अमेरिका
  • दक्षिणी अमेरिका
  • ऑस्ट्रेलिया
  • अंटार्कटिका

महासागर >

  • प्रशांत महासागर
  • अटलांटिक महासागर
  • हिन्द महासागर
  • आर्कटिक महासागर

पृथ्वी के अंदर का रहस्य

पृथ्वी के अंदर वह सब कुछ है जो मानव जीवन का पालन-पोषण करने में सहायक है। इंसान को जीने के लिए भोजन की आवश्यकता पड़ती है जो पृथ्वी से ही उत्पन्न होती है चाहे अनाज हो या कंद-मूल, मशाले हों या फिर फल-फ्रूट, जड़ी-बूटियां हों या फिर कुछ और सब कुछ इसी पृथ्वी के अंदर से ही उत्पन्न होते हैं।

पृथ्वी के अंदर से ही खनिज पदार्थ, कोयला, हीरा, सोना, चांदी, कच्चा तेल आदि निकलता है। पृथ्वी के अंदर और भी बहुत कुछ है जैसे – लोहा, अल्लुमिनियम, रांगा, कांशा, तांबा, पत्थर, मार्बल, ग्रेनाइट आदि।

पृथ्वी में गड्ढा खोदें तो कहाँ निकलेंगे ?

अगर हम भारत के किसी एक स्थान से नीचे की तरफ गड्ढा खोदना शुरू करें और तब तक खुदाई करते रहें जब तक दूसरी छोर तक ना पहुँच जायें तो हम कहाँ जाकर निकलेंगे ?

सवाल बुरा नहीं है, कल्पना करने में भला क्या हर्ज है क्योंकि इसके बारे में हम सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं, ये हक़ीक़त में नहीं हो सकता क्योंकि पृथ्वी की बनावट कई परतों से मिलकर हुई हैं जिनमे मुख्यतः भू-पर्पटी (Crust), मेन्टल (Mantle) और क्रोड (Core) हैं। जिनके बारे में हम आगे आपको बताने जा रहे हैं।

फ़िलहाल अभी जो सवाल है वह है कि अगर पृथ्वी के अंदर गड्ढा खोदें तो कहाँ निकलेंगे ? हालाँकि ऐसा मुमकिन तो नहीं है फिर भी काल्पनिक तौर पर अगर ऐसा हो सके तो भारत से शुरू हुई खुदाई का दूसरा छोर दक्षिणी अमेरिका का कोई पर्वतीय, समुद्री या फिर कोई भी भू-भाग हो सकता है।

पृथ्वी के नीचे क्या है

पृथ्वी के आगे, पीछे, दाएं, बाएं, ऊपर और नीचे हर तरफ अंतरिक्ष ही अंतरिक्ष है। आकाशगंगा में तैरती हुई पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाती है।

हमारी पृथ्वी तीन प्रकार की ठोस परतों से मिलकर बनी है जिनमे सबसे पहले भू-पर्पटी उसके बाद मेंटल और उसके बाद कोर है। आइये अब हम इन तीनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

चलिए पृथ्वी के अंदर चलते हैं

भू-पर्पटी (Crust)

यह पृथ्वी का बाहरी परत होता है, पृथ्वी की खुदाई में हम इसी भाग से शुरुआत करते हैं, इसकी गहराई सभी जगह समान नहीं होती कहीं कम तो कहीं ज्यादा फिर भी इसकी औसत गहराई 24 कि.मी. माना जाता है (अलग-अलग स्थानों पर यह गहराई कम से कम 5 कि.मी. से 70 कि.मी. तक हो सकती है)। पृथ्वी का यह ऊपरी हिस्सा काफी ठोस है।

यहाँ पर हम एक बात आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि अभी तक के इतिहास में पृथ्वी के अंदर सिर्फ 12 किलोमीटर तक ही गड्ढा खोदा जा सका है क्योंकि उस जगह का तापमान ही 300 डिग्री सेल्सियस था जिसमे सभी मशीनें पिघलने लगी थी तो इंसान का क्या हाल होता।

मेंटल (Mantle)

पृथ्वी के 24 कि.मी. नीचे जाने पर भू-पर्पटी को पार करने के बाद हम दूसरी परत Mantle तक पहुँच जायेंगे जिसकी गहराई 2890 कि.मी. है। पृथ्वी का यह मध्यवर्ती भाग मेन्टल बहुत अधिक गाढ़ा गर्म लावा है।

क्रोड (Core)

पृथ्वी के 2890 कि.मी. नीचे जब हम मेन्टल परत को पार कर लेंगे तो हम पृथ्वी के अंदरूनी परत क्रोड तक पहुंच जायेंगे। जिसकी गहराई 2900 से 6371 कि.मी. है। पृथ्वी का यह अंदरूनी भाग लोहे और निकिल से बना हुआ है जो काफी ठोस है।

दोस्तों, यह था पृथ्वी के बाहरी परत से लेकर अंदरूनी परत तक का सफर यानी हमने पृथ्वी के अंदर से होते हुये आधा सफर तय कर लिया है और बिलकुल इसी तरह अब हमें बाहर निकलना है जिसमे सबसे पहले क्रोड फिर मेन्टल और उसके बाद भू-पर्पटी होते हुये पृथ्वी के दूसरे कोने तक पहुंचना है। जो संभवतः दक्षिणी अमेरिका का कोई राज्य हो सकता है।

> यह एक काल्पनिक पृथ्वी के अंदर की यात्रा थी जो कभी हक़ीक़त नहीं बन सकती <

निष्कर्ष (Conclussion)

पृथ्वी के नीचे क्या है ? आपके सवाल का जबाब शायद आपको मिल गया होगा लेकिन अभी भी आपके मन में एक सवाल जरूर चल रहा होगा कि अगर खुदाई शुरू की जाए तो कितना समय लगेगा उस पार जाने में ? इसके जबाब में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि अपने इस कल्पना को कल्पना ही रहने दें।

क्योंकि जब 12 किलोमीटर की खुदाई में ही 300 डिग्री तापमान था तो उसके नीचे कितनी गर्मी होगी। वैसे भी और अंदर का तापमान सूर्य के बराबर तक अर्थात 10000 डिग्री सेल्सियस तक है जिस कारण से वहाँ तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके General Knowledge को और बेहतर बनायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

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