चाय सुट्टाबार फाउंडर अनुभव दुबे की जीवनी

2016 में मध्य प्रदेश के इंदौर से चाय के व्यवसाय की शुरुआत कर भारत समेत दुनियाँ के अलग-अलग देशों में 400 फ्रेंचाइसी बनाने वाले भारतीय नौजवान के सफलता की कहानी को हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके समक्ष लेकर आये हैं, तो आइये अब शुरू करते हैं>चाय सुट्टाबार फाउंडर अनुभव दुबे की जीवनी

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चाय सुट्टाबार फाउंडर-अनुभव दुबे की जीवनी
चाय सुट्टाबार फाउंडर-अनुभव दुबे की जीवनी

चाय सुट्टाबार फाउंडर अनुभव दुबे की जीवनी

प्रारंभिक जीवन

अनुभव दुबे का जन्म भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रीवा शहर में 1996 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बताते हैं कि उनका बचपन बहुत ही अभावों में बीता था क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी।

उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे तो उनके पास स्कूल ड्रेस के नाम पर एक जोड़ी कपड़ा था इसलिए उसी को ही प्रतिदिन धोकर पहनना पड़ता था। बचपन में घर में पैसे की किल्लत को देखकर उनके दिमाग में बड़ा होकर पैसे वाला बनने का कीड़ा पैदा हुआ था।

शैक्षणिक जीवन

अनुभव की शुरुआती पढ़ाई उनके होम टाउन रीवा के ही महर्षि विद्या मंदिर से हुई तत्पश्चात आगे की पढ़ाई के लिए वे इंदौर चले गए जहाँ पर उन्होंने रेनासेन्स कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स & मैनेजमेंट में दाखिला लिया और वहाँ से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

अनुभव के माता-पिता उन्हें पढ़ा-लिखा कर एक बड़े अफसर के रूप में देखना चाहते थे जिस कारण से उन्हें UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया लेकिन वे ज्यादा दिन तक पढ़ाई नहीं कर पाए और एक दिन वापिस इंदौर पहुँच गए।

इंदौर आने के बाद उन्होंने अपना चाय का व्यवसाय शुरू किया लेकिन साथ ही साथ UPSC की तैयारी भी करते रहे। लेकिन जब उनका चाय का व्यवसाय आगे बढ़ने लगा तो वे उसी की तरफ अपना पूरा ध्यान लगाने लगे और जब काम पूरी तरह जम गया तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।

पारिवारिक जीवन

अनुभव दुबे के घर में उनके दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहन रहते हैं उनके परिवार के सभी लोग उनके रीवा वाले मकान में ही रहते हैं। अनुभव की फिलहाल अभी शादी नहीं हुई है, अभी तक वे कुंवारे हैं।

हर माता-पिता की तरह ही अनुभव के माँ-बाप भी चाहते थे कि उनका बेटा भी पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने जिसके लिए उन्होंने अनुभव को दिल्ली भेजा था ताकि वे UPSC का Exam पास करके एक IAS Officer बने।

लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था इसलिए उन्होंने पढ़ाई-लिखाई को अलविदा करके अपना खुद का चाय का व्यवसाय शुरू किया और Chai Sutta Bar नामक अपने ब्रांड को International Lavel तक पहुंचा दिया। वे बड़े तो बने लेकिन अपनी पढ़ाई की वजह से नहीं बल्कि अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर।

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चाय सुट्टा बार की शुरुआत

जिस समय अनुभव दुबे दिल्ली में UPSC की तैयारी कर रहे थे तभी उनके मन में एक विचार आया था कि UPSC करने के बाद भी तो नौकरी ही करनी है और UPSC में भी सफलता कितनी मिलेगी इस बात की कोई निश्चितता तो है नहीं इसलिए क्यों नहीं कोई अपना ही व्यवसाय किया जाए।

मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से ताल्लुकात रखने वाले नौजवान अनुभव अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते थे और इसीलिए UPSC की तैयारी भी कर रहे थे, क्योंकि UPSC के इग्ज़ाम से ही IAS, IPS, IRS आदि निकलते हैं।

अनुभव ने सोचा कि बड़ा बनने के लिए जरुरी थोड़ी है कि IAS-IPS ही बना जाए और IAS-IPS बनने के बाद भी तो वे सरकार के नौकर ही होते हैं और अनुभव नौकर नहीं मालिक बनना चाहते थे इसलिए मालिक बनने की राह तलाशने लगे।

कहते हैं ना कि जहाँ चाह है वहाँ राह है और वहीं से अनुभव के दिमाग में चाय के व्यवसाय की कीड़ा जाएगा उन्होंने सोचा कि भारत में चाय हर कोई पीता हैं पानी पीने के बाद चाय, नास्ता करने के बाद चाय, खाना खाने के बाद चाय, मेहमाननवाज़ी के लिए चाय, क्यों ना चाय का ही व्यवसाय किया जाए।

अनुभव के दिमाग में चाय के व्यवसाय का कीड़ा चलने लगा लेकिन जो सबसे बड़ी समस्या थी वह यह थी कि इस व्यवसाय को लोग बहुत ही छोटी नज़र से देखते हैं जिसके लिए कुछ ऐसा किया जाए जो दूसरों से अलग हो।

इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए अनुभव ने UPSC की तैयारी को छोड़ दिया और दिल्ली को भी और वे इंदौर वापिस चले गए। अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने 3 लाख रूपये से इसकी शुरुआत की और दुकान का नाम रखा “Chai Sutta Bar” क्योंकि यह एक ऐसा नाम था जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकता था। यहाँ पर हम आपको बताना चाहेंगे कि इसमें सुट्टा का मतलब धूम्रपान नहीं है।

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चाय सुट्टाबार फाउंडर अनुभव दुबे की जीवनी

सफलता की कहानी

अनुभव ने महज 3 लाख रूपये से जिस “Chai Sutta Bar” की शुरुआत की वह पहले तो इंदौर के एक दुकान से शुरू हुई और 6 महीने के अंदर ही इंदौर में 4 आउटलेट खोल दिए लेकिन ये सफर यहीं पर ख़त्म नहीं होता है और एक के बाद एक करते-करते आज भारत समेत पूरी दुनियाँ के अलग-अलग देशों में “Chai Sutta Bar” के लगभग 400 फ्रेंचाइसी हैं जिनके माध्यम से 3 से 3.5 लाख चाय के कुल्हड़ प्रतिदिन बिकते हैं, जिनमें 10 प्रकार तक के चाय के स्वाद आप ले सकते हैं।

अनुभव दुबे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं बल्कि “Chai Sutta Bar'” के अलावा भी उनकी अन्य उपलब्धियाँ हैं और वे क्या हैं आइये जानते उनके बारे में…..

  • अनुभव दुबे की अपनी खुद की एक IT Company है, जिसका नाम Tech Master Gogo है।
  • उन्हें United Nation Young Change Marker Conclave (UNYCC) Award भी मिल चुका है।
  • उनकी Chai Sutta Bar Trading Private Limited सेरेमिक उत्पाद में व्यापार है।
  • इतना ही नहीं बल्कि उनके जीवन की कहानी को NCERT द्वारा प्रलेखित भी की गई है।
  • इनके अलावा वे Future के लिए 2 बोटी 4 रोटी नामक Non Veg Product Service की योजना पर भी काम कर रहे हैं।

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चाय सुट्टा बार में क्या क्या मिलता है

Chai Sutta Bar के आउटलेट पर आपको तरह-तरह के चाय के साथ-साथ अन्य खाने-पीने की चीजें भी मिलती हैं, जैसे – Hot Tea, Ice Tea, Hot Coffee, Cold Coffee, Ice Crushes, Shake, Fruit Shake, Maggi, Pasta, Sandwich, Bites, Frappe and Mocktails. और सबसे खास बात तो यह है कि वहाँ पर Smoking Strictly Prohibited है।

चाय सुट्टा बार की शाखाएं कहाँ कहाँ हैं

Chai Sutta Bar की शाखाएं भारत के इन शहरों में हैं, जैसे – इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद, बैंगलोर, जाम नगर, बिलासपुर, इटारसी, दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़, देहरादून, देवास, नागपुर, कोलकाता, लखनऊ, पटना, रीवां, ऋषिकेश, रुड़की, जोधपुर, उदयपुर,  ,प्रयागराज, हल्द्वानी, मोहाली, नासिक। इसके अलावा विदेशों में भी बहुत सारी शाखाएं हैं।

कमाई और संपत्ति

अगर हम अनुभव दुबे की कमाई की बात करें तो वे लगभग 25 लाख रूपये महीना कमाते हैं और उनकी कुल संपत्ति लगभग 50 करोड़ रूपये है। चाय सुट्टा बार ने अपने  शुरुआत के चार साल में ही लगभग 100 करोड़ रूपये की कमाई कर लिया था।

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चाय सुट्टाबार फाउंडर अनुभव दुबे की जीवनी

निष्कर्ष

दोस्तों, अनुभव दुबे हर उस नौजवान के लिए प्रेरणा के स्रोत हो सकते हैं जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देख रहे होते है और खाशकर उनके लिए तो और ज्यादा भी जो अपनी जिंदगी का आधा समय सरकारी नौकरी के इंतज़ार में ही बिता देते हैं।

अनुभव दुबे UPSC की तैयारी को छोड़कर चाय के व्यवसाय को चुनते हैं और एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर देते हैं जो कोई आसान काम नहीं था। अब कहीं आप भी ऐसा ना करना कि अपनी पढ़ाई को छोड़कर चाय के धंधा शुरू कर लो।

आपको कुछ भी करने से पहले यह सोचना है कि आपका मन किस काम में लगता है, क्या आपका मन पढ़ाई में लगता है, या फिर आपकी रूचि व्यवसाय में है, पहले आपको यह तय करना होगा। जब तक आप यह तय नहीं करेंगे तब तक आप किसी भी काम में पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाएंगे।

अनुभव दुबे को ऐसा लग रहा था कि वे पढ़ाई से ज्यादा व्यवसाय करने के इच्छुक हैं और करने का मादा भी रखते हैं इसलिए उन्होंने चाय के धंधे में हाथ डाला और धमाल कर डाला। आप क्या अच्छा कर सकते हैं यह सवाल पहले अपने आप से पूछिए फिर कोई बड़ा फैसला लें तो बेहतर होगा।

क्या आप अपने जीवन में बड़ा बनने का सपना देख रहे हैं, क्या आपके अंदर रचनात्मकता है, क्या आप बहुत ज्यादा टेंशन लेने की क्षमता रखते हैं, क्या आप रिस्क लेकर काम कर सकते हैं, क्या आप लोगों को अपनी बातों से इम्प्रेस करने की क्षमता रखते हैं, क्या आप अपने दिन का चैन और रातों की नींद को खोते हुए निरंतर अपने Goal के लिए काम करने की क्षमता रखते हैं, अगर हाँ तो आप बड़ा बन सकते हैं।

लेकिन अगर आप आलसी हैं,अपने दिमाग को ज्यादा टेंशन नहीं देना चाहते हैं, समयानुसार ही काम करना चाहते हैं, जीवन में शुकुन चाहते हैं, आपके अंदर रिस्क लेने की क्षमता नहीं है, आखिर कौन ले टेंशन एक दिन तो मर ही जाना है, सब कुछ यहीं रह जायेगा आखिर किसके लिए भाग-दौड़ करना, छोड़ो ना जैसे चल रहा है चलने दो, इस प्रकार की आपकी मानसिकता है तो आप पढ़-लिखकर कोई सुरक्षित जॉब करें, व्यवसाय आपके बस की नहीं है।

नौकरी करना आसान है, व्यवसाय करना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है, सब कुछ आप पर निर्भर करता है, अगर मान लेंगे तो हार है ठान लेंगे तो जीत है और यही सफलता की रीत है। 

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके ज्ञान के भंडार को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में लेकर जायेगा,

तो आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

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