खेसारी लाल यादव भोजपुरी फ़िल्म जगत का वह चेहरा हैं जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, वे एक सिंगर, डांसर और भोजपुरी फिल्म अभिनेता हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब वे पैदा हुए थे तो उनका घर ढह गया था इसलिए उनका पालन-पोषण दूसरे के घर में हुआ था लेकिन आज खेसारी लाल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के एक चमकते हुए सितारे हैं आइये जानते हैं खेसारी लाल यादव की जीवनी के बारे में विस्तार पूर्वक।
खेसारी लाल यादव की जीवनी | Khesari Lal Yadav Biography
प्रारंभिक जीवन
खेसारी लाल यादव का असली नाम शत्रुधन कुमार यादव है उनका जन्म 15 मार्च 1986 को बिहार के छपरा जिले के रसूलपुर चट्टी में एक गरीब किसान परिवार के घर में हुआ था। उनके पिता का नाम मंगरु यादव है जो कि गांव में ही किसानी का काम करते थे।
खेसारी लाल का प्रारंभिक जीवन बड़ा ही दयनीय रहा है वे बताते हैं कि जब वे पैदा हुए थे तो उनका घर ढह जाने के कारण उन्हें दूसरे के घर में शरण लेनी पड़ी थी क्योंकि उनका घर मिटटी का था जो कि बारिश में ढह गया था इसलिए अपने गांव के ही एक ईंट के मकान में गुज़र-बसर करना पड़ा था।
उन्होंने सिर्फ दसवीं तक ही पढ़ाई की है क्योंकि घर के हालात ही कुछ ऐसे थे कि पढ़ाई से ज्यादा कमाई की जरुरत थी। दोस्तों, यहाँ पर मै पढ़ाई के विषय में एक कड़वी बात कहना चाहूंगा कि पुरुष की असली पढ़ाई उसकी कमाई होती है हालाँकि इंसान के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है।
लेकिन उससे कहीं और ज्यादा जरुरी है पैसे कमाना क्योंकि शिक्षा के बिना तो फिर भी जीवन कट सकता है लेकिन पैसे के बिना जीवन नरक के समान हो जाता है, यह बात वही समझ सकता है जिसने पैसे के अभाव में अपनी जिंदगी गुजारी है।
खेसारी लाल ने भी अपने जीवन में पैसों की किल्लत को बहुत ही करीब से देखा है क्योंकि वे एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे, उनके पास रहने के लिए एक ढंग का मकान भी नहीं था।
पारिवारिक जीवन
उनके परिवार में उनके माता-पिता उनकी पत्नी चंदा और तीन बच्चे हैं जिनमे दो बेटे ऋषभ यादव और युगराज यादव और एक बेटी जिसका नाम कृति यादव है। उनकी बेटी उनके साथ उनके भोजपुरी फिल्म में काम भी कर चुकी है।
उनके पिता मंगरु यादव वैसे तो किसानी पृष्ठभूमि से ताल्लुकात रखते हैं लेकिन परिवार चलाने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में छोले बेचते थे और उन्हीं की राह खेसारी लाल ने भी पकड़ी थी और दिल्ली की सड़कों पर लिट्टी-चोखा बेचने का काम भी किया था लेकिन बाद में वे अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर भोजपुरी फ़िल्म जगत के सुपर स्टार बन गए।
संघर्षमय जीवन
हालाँकि खेसारी लाल का जीवन बचपन से ही बड़ा संघर्षमय रहा है क्योंकि जब वे छोटे से थे तभी उनका घर ढह गया था और वे दूसरे के घर में रहते थे लेकिन यहाँ पर हम जवानी के संघर्षों की ही चर्चा करने जा रहे हैं, जो इस प्रकार है।
खेसारी लाल बचपन से ही एक मौजी किस्म के इंसान थे, जीवन में तमाम कठिनाइयों को झेलते हुए भी वे अपनी मस्ती में मस्त रहते थे अब चाहे वह भैंस चराने का दौर रहा हो या फिर आर्केस्ट्रा में नाचने और गाने का दौर या फिर 10 रूपये में पूरी रात रामायण बाँचना आदि।
ये सब उनकी जिंदगी का एक दौर रहा है लेकिन जब इन सबसे बात नहीं बनी तो उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली का रुख किया क्योंकि पापी पेट का सवाल था और जीवन में तरक्की भी तो करनी थी।
खेसारी लाल रोजी-रोटी की तलाश में देश की राजधानी दिल्ली में आते हैं और एक फैक्ट्री में धागा काटने का काम करते हैं, तत्पश्चात उन्होंने दिल्ली के ही ओखला इलाके की संजय कॉलोनी में लिट्टी-चोखा बेचने का काम भी किया जिसमे उनकी पत्नी भी उनका साथ देती थी।
लेकिन खेसारी लाल के अंदर एक्टिंग का कीड़ा था जो उन्हें बार-बार काटता रहता था इसलिए वे जहाँ भी मौका मिलता अपना हुनर दिखाने से बाज नहीं आते थे। क्योंकि बचपन से ही उन्हें नाचने और गाने का शौक था और वे अपने इस शौक को ही अपना कैरियर बनाना चाहते थे।
इसलिए उनका किसी और काम में मन भी नहीं लगता था, उन्होंने जैसे-तैसे कुछ पैसे इकट्ठे किये और अपना खुद का एल्बम बनाया जिससे लोग उन्हें जानने लगे और इस तरह एक के बाद एक एल्बम वे बनाते गए जिसमें “माल भेटाईल मेला में” नामक उनका एल्बम हिट हो जाता है जहाँ से उन्हें असली पहचान मिली और वे लोगों के आँखों के तारे बन गए।
और वहीँ से उनके जीवन की संघर्षगाथा ने सफलता की राह पकड़ी जिसे रफ़्तार मिला उनकी पहली भोजपुरी फिल्म “साजन चले ससुराल” से जो 2012 में रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया और खेसारी लाल को एक नचनिया से फिल्म अभिनेता बना दिया।
व्यावसायिक जीवन
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि खेसारी लाल को बचपन से ही नाचने और गाने का बड़ा शौक था वह धार्मिक क्रियाकलापों जैसे रामायण आदि में गाते थे और उनका यही शौक एक दिन उन्हें नाचने और गाने की दुनियाँ में कामयाबी की बुलंदी पर ले जाता है।
2008 में उनका पहला एल्बम आता है, जिससे उनकी प्रसिद्धि धीरे-धीरे बढ़ने लगती है, उनके गानों में “साइयाँ अरब गइले ना” ने अपने ज़माने में भोजपुरी गीतों में तहलका मचा दिया था।
2012 में उनकी फिल्म “साजन चले ससुराल” ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया क्योंकि उस फिल्म ने उन्हें रातों-रात भोजपुरी फिल्मों का सुपर स्टार बना दिया उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वे पवन सिंह के बाद भोजपुरी फिल्म जगत के दूसरे सबसे सफल हीरो हैं।
वैसे इंसान की किस्मत भी जब साथ देती है तो उसके रास्ते के सभी कांटे अपने आप ही साफ हो जाते हैं क्योंकि जब उनकी एंट्री भोजपुरी फिल्मों में होनी शुरू हुई तो भोजपुरी फिल्मों के कुछ बड़े स्टार जैसे मनोज तिवारी, रवि किशन शुक्ला और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) जैसे बड़े स्टार धीरे-धीरे राजनीति की दुनियाँ की तरफ अपना रुख कर रहे थे।
और अब ये लोग पूरी तरह से राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं जिससे खेसारी लाल के सामने फ़िलहाल पवन सिंह ही हैं जिन्हें वे अपना प्रतिदंद्वी भी मानते हैं। वैसे खेसारी लाल ने अपने आप को समय के साथ बखूबी ढाला भी है इस कारण से उनकी प्रतिभा में चार-चाँद लगा है और उन्होंने खुद को एक सफल कलाकार के रूप में प्रदर्शित किया है।
अब चाहे खेसारी लाल हो या फिर कोई और अगर वह फर्श से अर्श तक पहुँचता है तो उसके पीछे उसकी कोई संघर्ष भरी कहानी भी होगी, आइये अब और आगे बढ़ते हैं और जानते हैं खेसारी लाल के सफलता की कहानी को विस्तार पूर्वक…………
खेसारी लाल के सफलता की कहानी
वैसे तो खेसारी लाल बचपन से ही नाचने और गाने में रूचि लेते थे और जहाँ भी जैसे भी मौका वे अपना अभिनय दिखाने से बाज नहीं आते थे। वे स्टेज प्रोग्रामों में साड़ी पहनकर औरत बनकर भी नाचते थे। ठेठ देहाती भाषा में वे लोगों का दिल बहलाते थे।
वे सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहे थे और उनका बीएसएफ में नियुक्ति भी गई थी लेकिन एक्टिंग में रुझान होने की वजह से उन्होंने सरकारी नौकरी नहीं की और कुछ पैसे इकट्ठे करके अपना खुद का एल्बम बनाने का फैसला लिया जो उनको रास भी आया।
उन्हें अपने एल्बम “माल भेटाई मेला में” से असली पहचान मिली और 2012 में भोजपुरी फिल्म “साजन चले ससुराल” से वे सुपर स्टार बने उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
खेसारी लाल ने भोजपुरी फ़िल्म जगत के लगभग सभी नामी-गिरामी कलाकारों के साथ काम किया है, जिनमें पवन सिंह, दिनेश लाल यादव (निरहुआ), अरविंद अकेला, आम्रपाली दुबे, अक्षरा सिंह और काजल राघवानी आदि।
खेसारी लाल और काजल राघवानी की जोड़ी भोजपुरी फिल्मों के परदे पर काफी पसंद किया जाता है। इन दोनों की साथ की हुई ज्यादातर फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने में कामयाब रही हैं।
खेसारी लाल की कमाई
खेसारी लाल 2019 के बिग बॉस सीजन 13 में भी सिरकत कर चुके हैं जहाँ पर वे ज्यादा दिनों तक टिक तो नहीं पाये थे लेकिन अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरने से बाज भी नहीं आये थे और लोगों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए थे।
खेसारी लाल अभी तक लगभग 50 भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं साथ ही वे स्टेज प्रोग्राम भी करते रहते हैं। उनके स्टेज प्रोग्राम ज्यादातर बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में होते रहते हैं। फ़िलहाल अब वे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रहते हैं।
वे एक स्टेज प्रोग्राम करने के लगभग 10 लाख रूपये और एक फिल्म करने के लगभग 40 से 50 लाख रूपये लेते हैं और अगर उनकी कुल संपत्ति की बात करें तो वह फिलहाल 10 से 12 करोड़ रूपये आंकी गयी हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों, हमारे वेबसाइट पर प्रदर्शित होने वाले आर्टिकल की शुरुआत कहीं से भी हो लेकिन समापन होते-होते मोटिवेशन मोड जरूर आएगा क्योंकि हमारा मक़सद ही है लोगों को मोटीवेट करना और अपने आर्टिकल के द्वारा लोगों के जीवन को सामान्य से बेहतर बनाना।
खेसारी लाल यादव की जीवनी के माध्यम से हम अपने दर्शकों को यह संदेश देना चाहेंगे कि………..
जीवन में संघर्ष कितना भी हो कभी हार मत मानों, जब तक मंज़िल ना मिले चलते रहना बस इतना ठानों।
खेसारी लाल यादव एक मिशाल हैं उन लोगों के लिए जो लोग अपनी प्रतिकूल परिस्थितियों का रोना रोते रहते हैं और कहते रहते कि मेरा बैकग्राउंड कमज़ोर है, मेरे पास संसाधनों की कमी है, मै बहुत गरीब हूँ, लोग मेरा मज़ाक उड़ाते है, मेरी तो किस्मत ही ख़राब है आदि।
खेसारी लाल के साथ भी तो ये सब समस्यायें थीं फिर वे कैसे आज एक सफल स्टार बन गए हैं, जाहिर सी बात है कि उन्होंने अपने आप पर विश्वास किया, अपने अंदर के कलाकार से लोगों को अवगत कराया, अपनी क्षमता को समझते हुए खुद को सामान्य से बेहतर बनाया और एक दिन अपने आप को कामयाबी की बुलंदी तक पहुँचाया।
अब सवाल यह उठता है कि जब खेसारी लाल सफल बन सकते हैं तो आखिर आप क्यों नहीं…………..?
कुछ तो बात है तुम मे जो तुम्हें औरों से अलग करती है, उठो, उसी का इस्तेमाल करो, कुछ कमाल करो-कुछ धमाल करो।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “खेसारी लाल यादव की जीवनी” आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में ले जायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।
लेखक परिचय
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