कल्कि अवतार | भगवान विष्णु का दसवां अवतार

कल्कि अवतार भगवान विष्णु का दसवां अवतार होगा, पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु कलयुग के अंत में जब पाप का प्रकोप अपने चरम पर होगा, तब इस अवतार में सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर हाथ में तलवार लिए दक्षिण भारत से उत्तर भारत को आएंगे, पर कब, क्यों और कैसे ? आइये इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान नारायण के इस अवतार के बारे में गहराई से जानते हैं > कल्कि अवतार | भगवान विष्णु का दसवां अवतार

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कल्कि अवतार | भगवान विष्णु का दसवां अवतार

गीता के अध्याय 4 के श्लोक 7 और 8 में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि…..

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। 

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्‌।। (7)

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌।

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।। (8)

भावार्थ

हे भरतवंशी, जब भी और जहाँ भी धर्म का पतन होता है और अधर्म की प्रधानता होने लगती है तब तब मै अवतार लेता हूँ।

हे अर्जुन, भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के लिए मै हर युग में प्रकट होता हूँ।

भक्तों, गीता का यह श्लोक हालाँकि महाभारत के युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था, लेकिन इससे पहले भी विष्णु भगवान ने यह श्लोक बहुत बार बोला है, विष्णु पुराण में भगवान ने कहा है कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म धर्म पर हावी होने लगेगा तब-तब मै अवतार लूंगा और धर्म की रक्षा करूँगा।

अपने इसी प्रण को पूरा करने के लिए भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य का अर्थात मछली का, दूसरा अवतार कूर्म अर्थात कछुए का, तीसरा अवतार वराह अर्थात (शरीर मानव का+सिर सूअर का) चौथा अवतार नरसिंह अर्थात (शरीर मानव+सिर शेर का) तथा पाँचवाँ अवतार वामन अवतार जो पूर्ण मानव रूप में लेते हैं, इसके बाद भगवान विष्णु का छठवां अवतार परशुराम, सातवां श्री राम, आठवां श्री कृष्ण, नौवां गौतम बुद्ध का होता है, जिसके बारे में हमने इससे पहले के आर्टिकल में आपको बताया है, इसके बाद भगवान पृथ्वी की रक्षा के लिए अपना दसवां अवतार लेंगे, जिसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, तो आइये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि अवतार के बारे में….

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भगवान विष्णु कल्कि अवतार कब लेंगे ?

स्कन्द पुराण के अनुसार कलयुग के अंत और फिर से सतयुग के आरम्भ के बीच का जो काल होगा उसे कलयुग और सतयुग का संधिकाल कहा जायेगा, तब भगवान विष्णु पृथ्वी पर मानव कल्याण के लिए कल्कि अवतार लेंगे।

फिलहाल कलयुग का अभी तक 5126 वर्ष ही हुए हैं और अभी कलयुग का अंत आने में 426875 वर्ष बाकी है। आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि कलयुग की कुल आयु 4 लाख 32 हजार 1 वर्ष है। जिसमें से अभी तक कलयुग का सिर्फ 5126 वर्ष ही पूरा हुआ है।

वैसे आम तौर पर जब लोग आपस में बात करते हैं तो कहते हैं ना कि घोर कलयुग है भाई, वे लोग अज्ञानी होते हैं क्योंकि उन्हें कलयुग की आयु का सही से पता नहीं है, उन लोगों का मानना है कि कलयुग का चरम चल रहा है, भाई अभी तो कलयुग ढंग से शुरू भी नहीं हुआ है, अभी तो पता नहीं क्या-क्या होगा।

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भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की कहानी

जैसा कि हमने पहले भी आपको बताया कि कल्कि अवतार भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार होगा जो कि अभी भविष्य में होना है, कल्कि पुराण के अनुसार माना जाता है कि कलयुग के अंत और सतयुग की फिर से शुरुआत के पहले का जो समय होगा उस समय भगवान विष्णु उत्तर प्रदेश के शम्भाला गांव में मदन और कुष्मा के घर में कल्कि अवतार में जन्म लेंगे।

कल्कि का विवाह पद्मावत्री और राम से होगा, पद्मावती से दो संताने जया और विजया तथा राम की दो संताने मेघमाला और बलहाका होंगे। कल्कि को बहुत ही छोटी उम्र में ही वेद, पुराण और समस्त शास्त्रों की शिक्षा दी जाएगी।

कल्कि भगवान शिव की कड़ी तपस्या करेंगे, जिससे प्रभावित होकर भगवान शिव उन्हें एक सफ़ेद घोड़ा साथ में एक ज्वलनशील तलवार भेंट करेंगे जिसमें समस्त प्रकार की बुराइयों को समाप्त करने की शक्ति होगी, तत्पश्चात भगवान शिव से प्राप्त घोड़े पर सवार होकर हाथ में तलवार लिए भगवान कल्कि कलयुग के अधर्मियों का नाश करते हुए फिर से धर्म की स्थापना करेंगे और उसके बाद फिर से सतयुग आएगा।

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कल्कि अवतार का अंत क्या होगा ?

जैसा कि हमने पहले ही आपको बताया है कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म की प्रधानता बढ़ेगी और धर्म संकट में पड़ेगा, तब-तब भगवान विष्णु पृथ्वी पर मानव की रक्षा करने के लिए उस समयानुसार वे भिन्न-भिन्न अवतार लेंगे।

अपने उसी प्रण को पूरा करने के लिए कलयुग में जब चारों तरफ धर्म की हानि होने लगेगी तब भगवान विष्णु अपने दसवें और आखिरी अवतार कल्कि अवतार में जन्म लेंगे।

भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का मुख्य उद्देश्य धर्म की हानि को रोकना और औरउस समय के सबसे अधर्मी राक्षस काली राक्षस का वध करना होगा, और उसी के साथ कलयुग समाप्त हो जायेगा और तत्पश्चात सतयुग का आरम्भ होगा।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके ज्ञान के भंडार को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही साथ आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में लेकर जायेगा, तो आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय श्री कृष्णा..जय श्री कृष्णा..जय श्री कृष्णा।

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

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