कलयुग की उम्र कितनी है ?

अधिकतर हम लोगों को यह कहते हुए सुनते रहते हैं कि घोर कलयुग है भाई या फिर कलयुग अपने चरम पर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलयुग कब से शुरू हुआ है और कब तक रहेगा या फिर “कलयुग की उम्र कितनी है ?’

आपके इन सभी सवालों का जबाब हम इस आर्टिकल में देने वाले हैं, बस बने रहियेगा हमारे साथ, क्योंकि हम नहीं करते फिजूल की बात, हमारे वेबसाइट पर होती है सिर्फ और सिर्फ ज्ञान की बात, तो आइये अब शुरू करते हैं।

कलयुग की उम्र कितनी है ?
कलयुग की उम्र कितनी है ?

कलयुग की उम्र कितनी है ?

दोस्तों, जैसा कि हम सभी लोग युगों के बारे में अपने घर के बड़े-बूढ़ों या फिर संत-महात्माओं द्वारा सुनते चले आ रहे हैं कि कुल चार युग हैं और जिनके नाम हैं – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग जिसमे से हम जिस युग में जी रहे हैं यह कलयुग है।

ज्यादातर लोग इन युगों की पहचान पौराणिक कथाओं और घटनाओं से करते हैं, जैसे :

  • सतयुग में हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप जैसे दैत्यों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने वाराह और नरसिंह अवतार लिया।
  • त्रेतायुग में लंकापति रावण और कुम्भकर्ण जैसे राक्षसों का वध करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री राम का अवतार लिया।
  • द्वापरयुग में मामा कंस और शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण का अवतार लिया।
  • कलयुग के बारे में माना जाता है कि भगवान विष्णु कलयुग के अंत में दुष्टों के संहार के लिए कल्कि अवतार लेंगे।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन चारों युगों की उम्र कितनी है और इन युगों में इंसानो की उम्र कितनी हुआ करती थी या फिर है अगर हाँ तो अच्छी बात है लेकिन अगर नहीं तो बस बने रहिएगा हमारे साथ क्योंकि अब हम इसी बारे में बात करने जा रहे हैं, तो आइये अब आगे बढ़ते हुए चारों युगों के बारे में जानते हैं।

आगे बढ़ने से पहले हम यहाँ पर आपको एक कहानी सुनाना चाहेंगे जो आपको सतयुग के हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप, त्रेता के रावण और कुंभकर्ण तथा द्वापर के कंश और शिशुपाल से भलीभांति परिचित कराएगा कि वे कौन थे और इन्हें भगवान विष्णु ने अलग-अलग अवतारों में क्यों मारा था।

यह कहानी है भगवान विष्णु के दो दरबारियों की जिन्हें श्राप मिला था कि वे दोनों ही आने वाले तीन युगों में राक्षस योनि में जन्म लेंगे लेकिन इसके पीछे की कहानी क्या है आइये जानते हैं इसके बारे में।

जय-विजय नामक भगवान विष्णु के दो दरबारियों के पुनर्जन्म की कहानी

जय-विजय = भगवान विष्णु के दो दरबारी (Image source : mysutradhar.com)

जैसा कि हम सब लोग जानते ही हैं कि भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ क्षीरसागर में विराजमान रहते हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार उनके दो दरबारी थे जिनका नाम था जय और विजय जिनकी आज्ञा के बिना कोई भी भगवान विष्णु से नहीं मिल सकता था।

एक समय की बात है, जब ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भगवान विष्णु से मिलने क्षीरसागर पहुंचे लेकिन दोनों द्वारपालों ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया जिससे रुष्ट होकर उन्होंने दोनों द्वारपालों को श्राप दे दिया कि तुम दोनों ही आने वाले तीन युगों तक राक्षस योनि में जन्म लोगे।

और यह श्राप सुनते ही भगवान विष्णु तुरंत ही वहां उपस्थित होते हैं और कहते हैं कि आपने यह क्या कर दिया इसमें इन दोनों की कोई गलती नहीं है बल्कि यह दोनों तो अपना फर्ज निभा रहे थे।

इस पर वे मानसपुत्र बोले कि हे प्रभु अब तो आप ही इन दोनों को इस श्राप से बचा सकते है और इनके लिए कोई निवारण निकाल सकते हैं। इस पर भगवान विष्णु ने जय और विजय से कहा कि आने वाले तीन युगों में तुम दोनों…………

  • सतयुग में हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप के रूप में जन्म लोगे और मै वाराह और नरसिंह अवतार लेकर तुम्हारा वध करूँगा।
  • त्रेतायुग में रावण और कुम्भकर्ण के रूप में जन्म लोगे और मै राम अवतार लेकर तुम्हारा वध करूँगा।
  • द्वापरयुग में कंश और शिशुपाल के रूप में जन्म लोगे और मै कृष्ण अवतार लेकर तुम्हारा वध करूँगा।

और इस तरह से भगवान विष्णु ने उन दोनों का ही उद्दार अपने ही हाथों से करने की योजना बनाई जिसके परिणामस्वारूप उन दोनों का ही पुनर्जन्म होता है और आने वाले तीनों युगों में ही भगवान विष्णु ने अलग-अलग अवतार लेकर उन दोनों को ही मोक्ष की प्राप्ति करवाई।

आइये अब और आगे बढ़ते हैं और जानते हैं विस्तारपूर्वक चारों युगों के बारे में……….

सतयुग

नरसिंह अवतार

पौराणिक कथाओं में सतयुग को सबसे बड़ा और पहला युग बताया गया है जिसकी\ उम्र 17 लाख 28 हजार साल बताई गई है, और इसमें इंसानो की औसत उम्र 1 लाख साल बताई गई है और उनकी लम्बाई लगभग 32 फ़ीट के आसपास होती थी।

अगर इस युग की मुद्रा अर्थात करेंसी की बात करें तो वह रत्नों और स्वर्णों की हुआ करती थीं। इस युग में भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष का वध वाराह अवतार में और हिरण्यकश्यप का वध नरसिंह अवतार लेकर किया था।

त्रेतायुग

राम अवतार

त्रेतायुग की उम्र 12 लाख 96 हजार साल बताई गई है, और इसमें इंसानो की औसत उम्र 10 हजार साल बताई गई है और उनकी लम्बाई लगभग 21 फ़ीट बताई गयी है।

अगर मुद्रा अर्थात करेंसी की बात करें तो मुद्रा स्वर्ण और पात्र चाँदी के थे। इस युग में भगवान विष्णु ने राम अवतार लेकर लंकापति रावण और उसके भाई कुम्भकर्ण का वध किया था।

द्वापरयुग

कृष्ण अवतार

द्वापरयुग की उम्र 8 लाख 64 हजार साल बताई गई है, और इसमें इंसानो की औसत उम्र 1 हजार साल बताई गई है और उनकी लम्बाई लगभग 11 फ़ीट बताई गई है।

अगर इस युग के मुद्रा की बात करें तो मुद्रा चाँदी और पात्र तांबे के थे। इस युग में भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लेकर मथुरा नरेश कंश और शिशुपाल का वध किया था और महाभारत के युद्ध के दौरान ही कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का पाठ पढ़ाया था।

कलयुग

कल्कि अवतार

कलयुग की उम्र 4 लाख 32 हजार साल बताई गई है, और इसमें इंसानो की औसत उम्र 100 साल बताई गई है और उनकी लंबाई 5 से 6 फ़ीट हुआ करती थी। अगर मुद्रा अर्थात करेंसी की बात करें तो मुद्रा लोहा और पात्र मिट्टी के बताये गए हैं। हालाँकि इस समय की बात करें तो अब मुद्रा कागज के और पात्र स्टील के हैं।

वैसे मैंने भागवत रहस्य नामक पुस्तक भी पढ़ी है जिसमे कलयुग में इंसानों की उम्र के बारे में बताया गया है कि पहले चरण में 100 साल, दूसरे चरण में 80 साल, तीसरे चरण में 60 साल, चौथे चरण में 40 साल और आखिरी चरण में 20 साल हो जाएगी और मनुष्य की लम्बाई बहुत ही छोटी हो जाएगी और लोगों के शादी-व्याह होने बंद हो जायेंगे।

कलयुग के बारे में कहा जाता है कि इस युग में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और दक्षिण दिशा से काले घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करते हुए उत्तर में जम्मू स्थित माता वैष्णों के दरबार में मातारानी से जाकर मिलेंगे।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में ले जायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

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