Think and grow Rich|सोचिये और अमीर बनिये > क्या कोई सोचकर अमीर बन सकता है…..?
ऊपर दिए गए वाक्य को पढ़कर आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि क्या वाकई में कोई सोचकर अमीर बन सकता है…..?
हाँ दोस्तों, इंसान सोचकर अमीर बन सकता है और लोग बनें भी हैं। आज के इस आर्टिकल में हम इसी Topic पर चर्चा करेंगे कि कैसे लोग सोचकर अमीर बन सकते हैं।
Think and grow Rich|सोचिये और अमीर बनिये
Think and grow Rich|सोचिये और अमीर बनिये
अमीरी आपके सोच से ही शुरू होती है यह साबित करने के लिए आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में चर्चा करेंगे जिसके मन में एक विचार आया और उसने उस विचार को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। विचार भी कोई आसान नहीं था। वह विचार था उस समय के अमेरिका के महान वैज्ञानिक थामस अल्वा एडिसन का Business Partner बनने का जो कोई आसान काम नहीं था।
दोस्तों,ये वही थामस अल्वा एडिसन हैं जिन्होंने दस हज़ार बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी और एक दिन vidyut बल्ब का अविष्कार कर दिया और उन्ही एडिसन का Business Partner बनने का सपना उस व्यक्ति के विचार में आया जिसका नाम था एडविन सी बार्न्स जो एक अमेरिकी नागरिक था।
दरअसल बार्न्स ने इस सच्चाई के बारे में कुछ साल पहले ही जाना था कि इंसान सोचकर अमीर बन सकता है और इसी बात से प्रेरित होकर उसने सोचना शुरू किया और अपने आप को Futur में एडिसन का Businees Partner के रूप में देखने लगा।
उसके मन में एक इच्छा प्रकट हुई एडिसन के साथ काम करने की न कि उसके लिए काम करने की। और जब उसके मन में यह विचार आया तो उसके सामने दो समस्यायें थीं। पहला यह कि वह एडिसन को जानता नहीं था और दूसरा उसके पास ऑरेंज ,न्यू जर्सी जाने के लिए ट्रेन के लिए किराये के पैसे तक नहीं थे।
लेकिन उसकी इच्छा कोई मामूली इच्छा नहीं थी उसमे कुछ बड़ा करने की ललक थी अर्थात सिर्फ इच्छा नहीं बल्कि प्रबल इच्छा थी कि मुझे एक दिन एडिसन का Business Partner बनना है और उसी प्रबल इच्छा को लेकर बार्न्स निकल पड़ता है अपना सब कुछ छोड़कर अपने सपने को हक़ीक़त में बदलने के लिए एडिसन की तलाश में क्योंकि एडिसन का पार्टनर बनने के लिए उसे एडिसन के करीब पहुंचना था।
Think and grow Rich| सोचिये और अमीर बनिये
बार्न्स के पास ट्रेन का किराया भी नहीं था, इसके बावजूद भी वह अपने घर से निकल पड़ा और मालगाड़ी के डिब्बे में सवार होकर बिना टिकट ऑरेंज,न्यू जर्सी पहुँच जाता है। और ढूंढते – ढूंढते आख़िरकार वह अपने मंज़िल के करीब खुद को खड़ा पाता है। अब उसके सामने एडिसन का हेड क़्वार्टर था जिसके अंदर उसे प्रवेश करना था और एडिसन से मिलना था।
थामस अल्वा एडिसन कोई मामूली व्यक्ति नहीं थे, वह सिर्फ अमेरिका के ही नहीं बल्कि दुनियाँ के एक महान वैज्ञानिक थे उनसे मिलना कोई आसान काम नहीं था यह बार्न्स भी अच्छी तरह जानता था “लेकिन अगर मन में कोई निश्चित लक्ष्य हो तो डर कैसा”, अब बार्न्स आगे बढ़ता है क्योंकि उसे पीछे जाना ही नहीं था वह अपना सब कुछ छोड़कर एडिसन से मिलने आया था आख़िरकार उसे उनका Business Partner जो बनना था।
बार्न्स एडिसन के हेड क़्वार्टर के मेन गेट पर पहुँच कर गार्ड से बोलता है कि मुझे Mr.Edison से मिलना है, यह सुनकर गार्ड उसे मनाकर देता है क्योंकि उसका हुलिया किसी फुटपाथिये जैसा था। फिर भी बार्न्स नहीं मानता और बार – बार वह गार्ड से यही बात कहता कि मुझे Mr.Edison से मिलना है। आख़िरकार उसकी प्रबल इच्छा की जीत होती है और उसे एडिसन से मिलने का मौका मिल ही जाता है।
एडिसन के सामने वह ऐसे खड़ा था जैसे किसी राजा के सामने कोई फ़क़ीर खड़ा हो, लेकिन इसके बावजूद वह भयभीत नहीं था और तुरंत यह ऐलान करता है कि मै आपका Business Partner बनने के लिए यहाँ आया हूँ, इसलिए आप मुझे अपने साथ काम करने का मौका दें मै खुद को एक दिन साबित करके दिखाऊंगा तभी आप मुझे अपना पार्टनर बनाना।
एडिसन उसे बड़े ध्यान से देखते हैं और उसका विश्लेषण करते है, और इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि इस व्यक्ति के अंदर कुछ तो है, इसकी आँखों में एक बड़ा सपना है, यह एक दिन कुछ बड़ा करके दिखायेगा क्योंकि यह अपना सब कुछ छोड़कर मेरे पास आया है और जो इंसान कुछ पाने के लिए बहुत कुछ छोड़ने को तैयार होता है उसे एक दिन वह मिल जाता है जो वह चाहता है। क्योंकि प्रकृति का एक नियम है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। और यह तो अपना सब कुछ छोड़कर मेरा पार्टनर बनने आया है इसे एक मौका देना चाहिये।
एडिसन ने बार्न्स को मौका तो दिया काम करने का पर एक चौथी श्रेणी के कर्मचारी के रूप में और वह मौका बार्न्स ने कबूल किया क्योंकि उसे अपने लक्ष्य की पहली सीढ़ी पर चढ़ना था उसे अपने आप पर भरोसा था कि बाकी सीढ़ियाँ मै एक दिन खुद चढ़ जाऊँगा।
समय बीतता गया बार्न्स काम करता रहा लेकिन उसे ऐसा कोई मौका नहीं मिला जहाँ वह खुद को साबित कर पाता। लेकिन अगर मन में कोई बड़ा लक्ष्य हो तो धैर्य तो रखना ही होगा और एक समय ऐसा आया जब बार्न्स को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका दिखा।
एडिसन ने एक नया ऑफिस यन्त्र बनाया था, जिसे उस वक्त एडिसन डिक्टेटिंग मशीन के नाम से जाना जाता था। एडिसन के सेल्स मैन उस मशीन को लेकर उत्साहित नहीं थे। उन्हें यह विश्वास नहीं था कि इस मशीन को बड़ी आसानी से बेचा जा सकता है। यह सब बातें बार्न्स सुन रहा था अब उसे यह लगने लगा कि यही मौका है खुद को साबित करने का क्योंकि जो काम और लोग न कर पायें अगर आप उस काम को कर लेते हैं तो आप वहाँ पर सुपीरियर बन जाते हैं।
दोस्तों, हर इंसान के जीवन में एक मौका जरूर आता है, जो उसे खुद को साबित करके कुछ कर दिखाने का अवसर प्रदान करता है लेकिन अधिकतर लोग उस मौके को पहचान नहीं पाते। लेकिन बार्न्स ने उस अवसर को पहचान लिया था और उसने ज़रा भी देर नहीं की तुरंत एडिसन को अपने मन की बात बतायी कि मै इस मशीन को बेच सकता हूँ।
एडिसन ने उसे मौका दिया और उसने उस मशीन को बेचा भी और सिर्फ बेचा ही नहीं बल्कि इतना ज्यादा बेचा की एडिसन ने उसे इस मशीन को बेचने के लिए पुरे देश भर का डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केट करने का कॉन्ट्रेक्ट दे दिया।
इस डील में बार्न्स ने बहुत सारी दौलत कमाई और एडिसन का दिल भी जीत लिया और उनके महत्वपूर्ण लोगों की लिस्ट में खुद को दर्ज करा लिया। आखिरकार बार्न्स ने जो सोचा उसे करके दिखा दिया। इससे यह जाहिर होता है की वाकई में इंसान सोचकर अमीर बन सकता है।
अंतत : ………..बार्न्स के मन में एक विचार आया कि इंसान सोचकर अमीर बन सकता है। उसने सोचना शुरू किया और अपने मन में एक इच्छा प्रकट की कि मै दुनियाँ के महान वैज्ञानिक थामस अल्वा एडिसन का Business Partner बनूँगा। बार्न्स ने अपनी इस इच्छा को प्रबल इच्छा में परिवर्तित किया और निकल पड़ा अपना सब कुछ छोड़कर अपने सपने को सच करने के लिए और एक दिन उसका सपना पूरा हुआ।
दोस्तों, जहां तक मै समझता हूँ कि इस कहानी का उद्देश्य आप समझ गए होंगे और समझ में नहीं आया हो तो इसे कई बार पढ़ें समझ में आ जाएगा कि वाकई में “इंसान सोचकर अमीर बन सकता है”। जब बार्न्स अमीर बन सकता है तो आख़िर आप क्यों नहीं।
अमीर बनने के लिए कुछ जरुरी शर्तें :
- आपका लक्ष्य बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए।
- आपको अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पित होना चाहिए।
- आप जो पाना चाहते हैं उसके बदले आपको बहुत कुछ खोने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- बड़ा लक्ष्य बहुत जल्दी नहीं प्राप्त होता आपको धैर्य रखना चाहिए।
- जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो तब तक आपको डटे रहना चाहिए।
दोस्तों, ऊपर दी गयी कुछ शर्तें अगर आप मान लेते हैं, ये बातें अगर आप अपने अंदर समाहित कर लेते हैं तो आप भी एक दिन अमीर बन सकते हैं। तो देर किस बात की है अभी से सोचना शुरू करें।
मै एक बार फिर आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि इंसान सोचकर अमीर बन सकता है।
इसलिए………………….Think and grow Rich | सोचिये और अमीर बनिये………………….
आपका दोस्त / शुभचिंतक : अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर
आज के लिए सिर्फ इतना ही अगले आर्टिकल में हमारी फिर मुलाकात होगी, तब तक के लिए……
जय हिन्द……………………………….जय भारत
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